रायपुर, 12 अगस्त 2024: छत्तीसगढ़ राज्य के राजस्व एवं खेल मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने आज पवित्र सावन महीने के चौथे सोमवार को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के ग्राम लखना स्थित प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर में सपरिवार भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। सावन के इस पावन अवसर पर, श्री वर्मा ने पूरे प्रदेश के लिए सुख, शांति, और समृद्धि की कामना करते हुए भगवान शिव से आशीर्वाद लिया।
### **श्री वर्मा का सोमनाथ मंदिर आगमन**
श्री टंक राम वर्मा अपने परिवार सहित आज सुबह सोमनाथ मंदिर पहुंचे। यह मंदिर, जो अपनी प्राचीनता और पवित्रता के लिए जाना जाता है, श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। सावन के महीने में, शिव भक्तों की भीड़ यहाँ उमड़ पड़ती है, क्योंकि यह महीना भगवान शिव की आराधना के लिए विशेष माना जाता है।
मंत्री जी की श्रद्धा और भक्ति
सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद, श्री वर्मा ने मंदिर परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं और ग्रामीणों से भी मुलाकात की। उन्होंने बताया कि सोमनाथ मंदिर की धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता उन्हें इस स्थान की ओर खींच लाती है। “भगवान शिव की आराधना मेरे लिए आत्मिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का स्रोत है,” श्री वर्मा ने कहा।
मंत्री जी के इस धार्मिक यात्रा का मुख्य उद्देश्य केवल व्यक्तिगत आस्था तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने पूरे प्रदेश के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हुए इस पूजा-अर्चना को संपन्न किया।
सोमनाथ मंदिर का महत्व
सोमनाथ मंदिर, लखना ग्राम में स्थित, छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ शिवलिंग की पूजा-अर्चना विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सैकड़ों साल पहले हुआ था और तब से यह क्षेत्र धार्मिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है। सावन के महीने में यहाँ भगवान शिव के विशेष पूजन और अनुष्ठान होते हैं, जिनमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
सावन का पावन महीना
सावन का महीना, हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में शिव भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा करते हैं और सोमवार का दिन, जिसे ‘सावन सोमवार’ कहा जाता है, विशेष रूप से शिव भक्तों के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, ऐसा विश्वास है।
श्री वर्मा ने सावन के चौथे सोमवार को सोमनाथ मंदिर का दौरा कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने प्रदेशवासियों के सुख-शांति और समृद्धि के लिए विशेष प्रार्थना की।
श्री वर्मा की धार्मिक यात्रा का प्रदेश पर प्रभाव
श्री वर्मा की इस धार्मिक यात्रा ने न केवल उनके व्यक्तिगत आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध किया, बल्कि प्रदेशवासियों के प्रति उनके कर्तव्यनिष्ठा और उनके कल्याण के लिए की गई प्रार्थनाओं ने भी गहरा प्रभाव डाला है। उन्होंने इस यात्रा के माध्यम से यह संदेश दिया कि नेतृत्व का असली अर्थ जनता की भलाई और उनकी समृद्धि के लिए निरंतर प्रयास करना है।
मंत्री जी ने कहा, “भगवान शिव के चरणों में आकर मुझे हमेशा एक नई ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है। मेरी यह पूजा-अर्चना केवल व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए है। मैं चाहता हूँ कि हर व्यक्ति को जीवन में शांति, सुख, और समृद्धि प्राप्त हो।”
ग्रामीणों और श्रद्धालुओं के साथ संवाद
सोमनाथ मंदिर में पूजा के बाद, श्री वर्मा ने वहाँ उपस्थित श्रद्धालुओं और ग्रामवासियों से संवाद किया। उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुना और उनके समाधान के लिए तत्काल अधिकारियों को निर्देशित किया। श्री वर्मा का यह कदम उनकी संवेदनशीलता और जनता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ग्रामीणों ने मंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके जैसे जनसेवक के नेतृत्व में प्रदेश का भविष्य उज्ज्वल है। श्री वर्मा ने सभी से आग्रह किया कि वे भगवान शिव की पूजा-अर्चना के साथ-साथ समाज और राष्ट्र की सेवा में भी अपना योगदान दें।
राज्य की समृद्धि के लिए संकल्प
पूजा-अर्चना के दौरान, श्री वर्मा ने राज्य की समृद्धि, शांति और विकास के लिए भगवान शिव से आशीर्वाद मांगा। उन्होंने कहा कि एक समृद्ध राज्य वही होता है, जहाँ हर नागरिक को समान अवसर और सुखद जीवन मिल सके। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य छत्तीसगढ़ को एक ऐसा राज्य बनाना है, जहाँ हर व्यक्ति सुरक्षित, खुशहाल और संतुष्ट हो।
मंत्री जी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि राज्य सरकार सभी नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विकास और समृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है।
समाज में एकता और शांति के प्रति आग्रह
श्री वर्मा ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे समाज में एकता, शांति और भाईचारे को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति विविधताओं में एकता की मिसाल है, और हमें इस धरोहर को बनाए रखना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमें जाति, धर्म, और क्षेत्रीयता से ऊपर उठकर केवल एक भारतीय के रूप में सोचने की आवश्यकता है। देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है।”
अधिकारियों को निर्देश
मंत्री जी ने इस मौके पर साथ आए अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे ग्रामीणों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करें और क्षेत्र के विकास के लिए ठोस कदम उठाएँ। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार की सभी योजनाओं का लाभ हर नागरिक तक पहुँचना चाहिए और इसके लिए अधिकारियों को पूरी ईमानदारी और तत्परता से कार्य करना चाहिए।
भविष्य की योजनाएँ
इस धार्मिक यात्रा के दौरान, श्री वर्मा ने भविष्य की योजनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए व्यापक योजनाएँ तैयार कर रही है।
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में लखना और आसपास के क्षेत्रों में विकास कार्यों को तेज किया जाएगा, जिससे इस क्षेत्र के लोगों को बेहतर जीवन स्तर और रोजगार के अवसर मिल सकें।
श्री वर्मा ने यह भी कहा कि सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई योजनाएँ बना रही है, जिससे राज्य की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों का संरक्षण हो सके और उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
श्री वर्मा की इस धार्मिक यात्रा और पूजा-अर्चना के बाद, स्थानीय लोगों ने इसे बहुत सकारात्मक रूप से लिया। ग्रामीणों ने कहा कि मंत्री जी के इस दौरे से उन्हें उम्मीद और प्रेरणा मिली है।
एक ग्रामीण ने कहा, “श्री वर्मा जैसे नेता का हमारे गाँव आना हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। उनकी पूजा-अर्चना और प्रदेश के लिए की गई प्रार्थना हमें नई ऊर्जा और उम्मीद देती है।”
राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा की इस धार्मिक यात्रा ने प्रदेशवासियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और सेवा भाव को और भी प्रकट किया है। सोमनाथ मंदिर में की गई उनकी पूजा-अर्चना और प्रदेशवासियों के लिए सुख-शांति-समृद्धि की कामना ने एक सकारात्मक संदेश दिया है।
छत्तीसगढ़ के विकास और समृद्धि के प्रति श्री वर्मा का संकल्प और उनके नेतृत्व में किए जा रहे प्रयास निश्चित रूप से प्रदेश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाएंगे।
भगवान शिव के चरणों में आशीर्वाद प्राप्त कर, श्री वर्मा ने प्रदेशवासियों के लिए जो शुभकामनाएँ व्यक्त की हैं, वह उनकी संवेदनशीलता और जनसेवा के प्रति उनकी निष्ठा को प्रकट करती हैं।
छत्तीसगढ़ के लोग इस पूजा-अर्चना को एक शुभ संकेत के रूप में देख रहे हैं और उन्हें विश्वास है कि भगवान शिव के आशीर्वाद से प्रदेश में शांति, समृद्धि, और सुख की वर्षा होगी।
जय छत्तीसगढ़, जय शिव शंकर!






