छत्तीसगढ़
90 में से 17 सीटों पर एक ही जैसे नाम वाले एक से ज्यादा उम्मीदवार, मतदाताओं को कन्फ्यूज करने की सियासत
शेक्सपियर ने कहा था… ‘नाम में क्या रखा है…’ लेकिन राजनीति में प्रतिद्वंद्वियों को मात देने के लिए इसी नाम का ही उपयोग किया जाता है। चुनाव के दौरान पार्टियां और प्रत्याशी अपने प्रतिद्वंद्वी को मात देने के लिए उसी के नाम वाले लोगों को ढूंढते हैं, ताकि समान नाम वाले एक से ज्यादा उम्मीदवारों के चक्कर में मतदाता कन्फ्यूज हो जाएं और इसका फायदा लिया जा सके। इस बार 17 सीटों पर एक जैसे नाम वाले एक से ज्यादा प्रत्याशी मैदान में हैं। पहले चरण की 20 में से 3 सीट पर हमनाम उम्मीदवार हैं, तो दूसरे चरण की 70 सीटों में से 14 सीट ऐसे हैं, जहां एक ही तरह के एक से ज्यादा नाम वाले प्रत्याशी उतरे हैं। कई सीट तो प्रत्याशियों के सरनेम तक एक जैसे ही हैं।