राज्यपाल दौरे में पत्रकारों का अपमान, प्रशासन के रवैये पर फूटा मीडियाकर्मियों का गुस्सा

स्थानीय पत्रकारों का आरोप है कि प्रशासन जानबूझकर मीडिया को कार्यक्रमों से दूर रखने की कोशिश कर रहा है, ताकि उसकी खामियों और गलतियों को उजागर न किया जा सके। यह केवल पत्रकारों के काम में बाधा नहीं है, बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
घटना के बाद मीडियाकर्मियों ने एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया और राज्यपाल से इस पूरे मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह तानाशाही रवैया लोकतंत्र की आत्मा के खिलाफ है, जहां चौथे स्तंभ को दबाने की कोशिश की जा रही है।
पत्रकारों ने मांग की है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए स्पष्ट दिशानिर्देश तय किए जाएं।
यह घटना न केवल मीडिया के प्रति असम्मान का प्रतीक है, बल्कि एक लोकतांत्रिक राज्य में प्रशासन की जवाबदेही पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है।