सारंगढ़ बिलाईगढ़

18 भाजपा पार्षद ही पहुंचे, एक ने रायपुर जा कर ज्वाइन किया कांग्रेस, दो पहुंचे ही नहीं

नगर निगम में महापौर जानकी बाई काटूज के खिलाफ भाजपा द्वारा लाया गया अश्विवास प्रस्ताव गिर गया। शुक्रवार को कलेक्टोरेट के सृजन सभागार में बहस होनी थी। कोरम के लिए 24 पार्षद चाहिए थे, जबकि भाजपा के ही 21 पार्षदों में तीन गायब रहे। दोपहर को पता चला कि एक भाजपा पार्षद पुष्पा निरंजन साहू ने रायपुर जाकर कांग्रेस ज्वाइन कर ली। दो नवधा मिरीह और ईशकृपा तिर्की पहुंचे नहीं। कांग्रेस पार्षद क्रास वोटिंग न कर सकें इसलिए विधायक प्रकाश नायक, शाखा यादव सभी पार्षदों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलवाने रायपुर ले गए थे। एक भी कांग्रेसी पार्षद सदन नहीं पहुंचा। इस तरह अविश्वास प्रस्ताव की हवा निकल गई।

सृजन कक्ष के बाहर सुबह 11 बजे से भाजपा पार्षदों व नेता प्रतिपक्ष सहित भाजपा के लोग उपस्थित हुए। लेकिन विपक्ष के पार्षदों की गैर मौजूदगी के कारण अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं हो सका। म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में बीजेपी पार्षद व नेता प्रतिपक्ष पूनम सालंकी के द्वारा यह प्रस्ताव 31 अगस्त को लाया गया था। इस पर चर्चा 15 सितंबर को होनी थी। इससे पहले ही कांग्रेस अपनी रणनीति बनाते हुए सारे कांग्रेसी पार्षदों को राजधानी भेज दिया। भरोसेमंद कुछ पार्षद और जिलाअध्यक्ष इस दौरान उपस्थित थे। भाजपा के 3 तीन पार्षद नहीं पहुंचने से भी कोरम की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी और बिना मतदान के ही लाया गया आविश्वास प्रस्ताव गिर गया। जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष अनिल शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी शहर के विकास को नहीं देख पा रही है। भाजपाई अपने खेमे के पार्षदों को संभाल नहीं पा रही है। उनके 21 पार्षद में केवल 18 पार्षद ही शामिल हुए हैं। वे कांग्रेसी पार्षद से उम्मीद लगाएं बैठे है। उनकी पार्टी छोटे-छोटे गुटों में बंटी हुई है। वार्ड के विकास को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी की एक पार्षद मुख्यमंत्री के सामने कांग्रेस पार्टी में शामिल हुईं।

जिला भाजपा संगठन ने प्रदेश संगठन के कहने पर अविश्वास प्रस्ताव लाया लेकिन तैयारी नहीं की। नगर निगम में महापौर और सभापति का गुट एक दूसरे का विरोधी हैं। संजय देवांगन के इस्तीफे और महापौर से नाराज कांग्रेसी पार्षदों के साथ आकर महापौर की कुर्सी गिराने की सोचकर जिला भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाया। संख्या भी नहीं थी और तैयारी भी, अपनी ताकत से ज्यादा कांग्रेसियों की कमजोरी पर भरोसा किया।

24 की उपस्थिति थी जरूरी अविश्वास प्रस्ताव के दौरान बैठक की कोरम पूरा करने के लिए 24 पार्षदों की उपस्थिति अनिवार्य थी। कांग्रेस के पास 26 व भाजपा के पास कुल 21 पार्षद हैं। ऐसे में कोरम पूरा करने 3 पार्षदों की आवश्यकता थी। भाजपा के ही 18 पार्षद पहुंचे थे। वहीं, कांग्रेसी पार्षद इस अविश्वास प्रस्ताव में शामिल नहीं होने से अविश्वास प्रस्ताव धराशायी हो गया।

पार्षद मतदान में शामिल नहीं हुए: कलेक्टर ^कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नगर निगम में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। नगर निगम अधिनियम के तहत 15 सितंबर को सृजन कक्ष में अविश्वास प्रस्ताव संपन्न कराना था। सारी प्रक्रिया हो चुकी थी। लेकिन उपस्थित पार्षदों ने इस मतदान में भाग नहीं लिया। क्योेंकि किसी ने भी मतदान में शामिल नहीं होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव का खारिज करते हुए गिरा दिया गया।

भितरघातियों पर भरोसा भाजपा ने नहीं की तैयारी

कांग्रेस डरी हुई है: सोलंकी नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी ने कहा कि रायगढ़ की जनता को मालूम है कि किस प्रकार सरकार किस प्रकार विकास कर रही है। कई पार्षद जो इस आविश्वास प्रस्ताव में हमारे साथ थे। उन्हें कांग्रेस के द्वारा अंडरग्राउंड कर दिया है। कांग्रेसी डरे हुए हैं, अगर ऐसा नहीं है तो कांग्रेसियों को अंडरग्राउंड ना करते हुए अविश्वास प्रस्ताव में शामिल होने दिया जाना था। उनके अनुपस्थित होना ही दर्शाता है कि अविश्वास प्रस्ताव सफल हुआ है।

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