छत्तीसगढ़बिलासपुर

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर अपोलो हॉस्पिटल में मेगा स्वास्थ्य जागरूकता एवं निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कैंप आयोजित

सुरेश सिंह बैस/बिलासपुर। विश्व स्वास्थ दिवस 7 अप्रैल को मनाया जाता हैं, इस अवसर पर नगर साहू समाज एवम अपोलो होपिटल्स बिलासपुर के संयुक्त तत्वाधान में विशाल स्वस्थ जागरूकता एवम निशुल्क स्वस्थ परिक्षण कैंप का आयोजन अपोलो होपिटल्सबिलासपुर में किया गया।हम सब देखते हैं कि घर की महिलाएं अपने काम और जिम्मेदारियों के चलते अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पातीं हैं। जिसके कारण कई बार उन्हें बीमारी की शुरुआत होने पर भी उसके बारे में पता नहीं चलता है। लक्षणों को न जान पाने के कारण यह बीमारियां समय के साथ-साथ गंभीर रूप ले सकती हैं। इसलिए महिलाओं को अपनी सेहत की ओर खास ख्याल देना चाहिए। आइए जानते हैं इसके बारे में वरिष्ठ स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मि शर्मा क्या कहना है-

सही उम्र में गर्भधारणः

डॉ. रश्मि का कहना है कि 25 से 35 वर्ष की उम्र वाली महिला के लिए गर्भधारण करना आदर्श समय होता है और इस उम्र के बाद महिलाओं में डिंब की क्वालिटी और संख्या दोनों में कमी आ जाती है। इसके अलावा महिलाओं को हार्मोनल परिवर्तन, अनियमित पीरियड्स, मुंहासों, हीमोग्लोबिन के स्तर और कैल्शियम और प्रोटीन वाली डाइट खाने के बारे में सतर्क रहना जरूरी है। महिलाओं में पोषक तत्वों की कमीः डॉक्टर नलिनी का कहना है कि भारतीय भोजन में प्रोटीन की कमी होती है इसी को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे कि प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, विटामिन बी और डी, ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए स्प्राउट्स, दूध, पनीर, अंडे, मांस, मछली से भरपूर खाद्य पदार्थोंका सेवन करना महत्वपूर्ण होता है। फास्ट फूड के ज्यादा सेवन से सेहत सम्बंधी कई समस्याएं जैसे कि मोटापा, और हाइपरटेंशन बढ़ता है। इसलिए यह ज़रूरी हो जाता है कि भूख को शांत करने के लिए ज्यादा फैट और नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करके उसकी जगह स्वस्थ खाद्य पदार्थों को खाएं।नियमित जांचः डॉक्टर रश्मि के मुताबिक महिलाओं में विटामिन और मिनरल्स की कमी होना आम बात है, इसलिए तैलीय या तले हुए, सोडियम युक्त और मसालेदार भोजन को ज्यादा नहीं खाना चाहिए। इस तरह के भोजन से शरीर का वजन बढ़ सकता है और एसिडिटी हो सकती है। जब महिलाओं की उम्र 20 साल हो जाए तब उन्हे डॉक्टर या गायनेकोलॉजिस्ट से नियमित रूप से विजिट करके कंसल्ट और जांच करना चाहिए और उसी हिसाब से लाइफस्टाइल का पालन करना चाहिए ।अपॉलो हॉस्पिटल्स बिलासपुर की सीनियरऑब्सटेट्रिशियन और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ रश्मि शर्मा ने महिलाओं को होने वाली कुछ बुनियादी परेशानियों के बारे में बताया है, जिन्हें नजरंदाज नहीं करना चाहिए और इसके बारे में अपने गायनेकोलॉजिस्ट को तुरंत बताना चाहिए।

महिलाएं इन दिक्कतों को न करें नजरंदाजः

एक महिला अपने जीवन में कई तरह के हार्मोनल चेंजेस से गुजरती है. जबकि इनमें से कुछ को सामान्य माना जाता है लेकिन एक समय आता है जब कुछ परेशानियों के लिए हेल्थ एक्सपर्ट की जरूरत पड़ ही जाती है।

पीरियड्स के दौरान दर्द होनाः

डॉ शर्मा ने बताया कि कुछ महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बहुत तेज दर्द होता है, इसे डिसमेनोरिया भी कहते हैं. यदि इस दर्द की वजह से महिलाएं अपना काम नहीं कर पा रही हैं और इससे उनके जीवन में काफी परेशानियां हो रही हैं तो उन्हें इसकी जांच करानी चाहिए. इलाज शुरू करने से पहले इसके लिए क्लीनिकल जांच और पेल्विक सोनोग्राफी की आवश्यकता होती है।

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