सारंगढ़ बिलाईगढ़

अफसर फारवर्ड नहीं कर रहे हैं डीओ, मुश्किल में कारोबारी

जिले में ई-ऑक्शन में कोयला खरीदने वाले ट्रेडर्स और लिफ्ट करने वाले ट्रांसपोर्टर एसईसीएल के अफसरों की मनमानी से परेशान हैं। हफ्तेभर से अफसरों के दफ्तर में नहीं बैठने से डीओ(डिस्पैच आर्डर) को अलाऊ(फारवर्ड) कर खदान भेजने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है। एरिया सेल्स अफसर से बात करने पर उन्हें जब भी बैठेंगे, काम होगा का जवाब मिल रहा है। दरअसल खरीदे गए कोयले के खदान से उठाव की समय सीमा 45 दिन होती है। इसके बाद ट्रेडर और लिफ्टर को नुकसान उठाना पड़ता है। इस संबंध में एसईसीएल के अफसर का पक्ष जानने संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।

जिले में जामपाली, छाल और बरौद में लाखों टन कोयले के डीओ फारवर्ड नहीं हो पा रहे हैं। प्रक्रिया के तहत ई-ऑक्शन में भाग लेने वालों को 500 रुपए प्रति टन की राशि जमा करनी होती है। ऑक्शन में कोयला मिलने पर शेष राशि का भुगतान 10 दिन के भीतर किया जाता है। इस राशि में खनिज विभाग की रायल्टी भी शामिल होती है। एसईसीएल यह रायल्टी खनिज विभाग के खाते में जमा कराता है। भुगतान होते ही एसईसीएल के मुख्यालय से डीओ कटता है। डीओ कटने की तारीख से 45 दिनों के भीतर खदान से कोयला उठाना होता है। मुख्यालय से यह डीओ सब एरिया ऑफिस के पास आता है और फिर इसे मान्य कर संबंधित खदान को भेजा जाता है।

शहर के कारोबारियों के मुताबिक ई-ऑक्शन से खरीदे गए कोयले का भुगतान हो चुका है। 7-8 दिन से सब एरिया के सेल्स से संबंधित विभाग के लोग दफ्तर में नहीं बैठ रहे हैं। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में व्यस्तता की बात कही जा रही है। शुक्रवार को भी अफसरों ने कहा, देर का कुछ नहीं कर सकते, जब भी ऑफिस में बैठेंगे डीओ फारवर्ड कर संबंधित खदान को भेज देंगे। इससे एसईसीएल के ग्राहक परेशान हैं। इस संबंध मंे सेल्स एरिया आफिसर मनोज चौरसिया से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने न फोन उठाया और न मैसेज का जवाब दिया।

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