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घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने की तैयारी में जुटी कांग्रेस, बीजेपी से पहले कर सकती है जारी

रायपुर : भाजपा-कांग्रेस दोनों पार्टियों के घोषणा-पत्र में धान का समर्थन मूल्य, कर्जा माफी प्रमुख मुद्दा रह सकता है, वहीं इस बार रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में सब्सिडी अहम मुद्दा होगा। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज है। राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुट गई है। पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन भी शुरू हो चुका है। अब सबकी नजर घोषणा-पत्र पर टिकी हुई है।

छत्तीसगढ़ में सात और 20 नवंबर को पहले चरण का मतदान होगा। प्रदेश में अब घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने की तैयारियां की जा रही है। कांग्रेस की 10 दिनों के भीतर अपनी घोषणा पत्र जारी कर सकती है। घोषणा पत्र समिति की अब तक तीन बैठकें हो चुकी हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो अंतिम बैठक 25 अक्टूबर को हो सकती है,वहीं भाजपा ने भी 30 नवंबर के पहले घोषणा-पत्र जारी करने की रणनीति बना ली है। मप्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी हो सकती है घोषणा पार्टी सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी घोषणा हो सकती है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने महिलाओं को साधने के लिए नारी सम्मान योजना की घोषणा की है। इसके अंतर्गत सभी महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह नारी सम्मान के रूप में प्राप्त होगा। इसके अलावा 100 यूनिट बिजली मुफ्त, 500 रुपए में गैस सिलेंडर और 200 यूनिट बिजली आधी दर पर दी जाएगी। ऐसी योजना छत्तीसगढ़ में लाने की चर्चा है। हालांकि प्रदेश में हाफ बिजली योजना पहले से लागू हैं। प्रदेश में मध्यप्रदेश से अलग कई नई योजनाएं भी पेश किए जाने की खबर है।

कांग्रेस की 7 विवादित सीटों का सीएम भूपेश बघेल लेंगे फैसला  आलाकमान ने मुख्यमंत्री पर जताया पूरा विश्वास छग में कांग्रेस ने अपने 53 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी है मगर अब सवाल ये उठता है कि बाकी बची 7 सीटों के प्रत्याशी के नामों का कौन निर्णय लेगा। सूत्रों के मुताबिक ये जानकारी सामने आ रही है कि आपको बता दें कि छग विधानसभा की ये 7 सीटें है जिसमें बैकुंठपुर, महासमुंद, बिलाईगढ़, कसडोल, रायपुर शहर उत्तर, सिहावा, धमतरी ये सीटें अब भी विवादित है जिसकी वजह से इन सीटों में प्रत्याशियों के नामों का निर्णय स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अगले 3 दिनों के भीतर ले सकते है और दिल्ली कांग्रेस के सभी ब?े नेताओं ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर पूरा भरोसा जताया है। जिसकी वजह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुरू से ये साबित कर दिया कि सीएम आखिरकार सीएम ही होता है सीएम से आगे कोई नहीं होता। जो कि कांग्रेस के 83 सीटों के प्रत्याशियों की लिस्ट देखकर ये कहा जा सकता है। जो तेरा मेरा करने गए वो लोग अपने जिले और अपने लोकसभा सीटों में ही सीमित रह गए है।

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