छत्तीसगढ़

रायगढ़ में 67 हाथियों के दल ने तोड़े मकान:खा गए घरों में रखे धान बलरामपुर में भी दो दंतैल ने भी जमकर मचाया उत्पात,

धरमजयगढ़ वन मंडल की छाल रेंज में पुसल्दा में 67 हाथियों का झुंड आ पहुंचा। यहां किसानों द्वारा रखे गए धान की खुशबू से हाथी यहां तक पहुंचे थे। कुछ मकानों में तोड़फोड़ की। धान खाने के लिए एक मकान की छत तक उखाड़ दी।

दिगम्बर राठिया नामक किसान के मकान में हाथियों के झुंड ने हमला बोला। इनका मकान बस्ती से थोड़ी ही दूर में है। रातभर हाथी आसपास में उत्पात मचाते रहे। खेतों में फसल और पेड़ों को नुकसान पहुंचाया। बुधवार शाम लगभग 40 हाथी पुसल्दा से लगभग दो किलोमीटर एड़ू बाजारपारा बरमुडा तालाब के नीचे खेत पहुंचे और यहीं डेरा जमा लिया। शाम 7 बजे हाथी मित्र दल के साथ वन विभाग के कर्मचारियों की टीम गाड़ी के साथ यहां पहुंची। देर रात तक हाथियों को बस्ती से दूर खदेड़ने की कोशिश होती रही। दो दिन से छाल रेंज में हाथियों के उत्पात से ग्रामीण दहशत में हैं।

यहां पुसल्दा और बरभौना के खेतों में फसल खराब करने के साथ हाथियों ने पंप के पाइप उखाड़ दिए और घरों को नुकसान पहुंचाया। हाथियों की आमद की पूर्व सूचना के कारण हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन धान पकने और कटाई शुरू होने के बाद से लगभग एक पखवाड़े से आसपास में हाथियों ने ग्रामीणों का जीना मुश्किल किया हुआ है। अब एक साथ एमएस मरस्कोले ने बताया कि छाल में अब 73 हाथी हैं। एक ग्रुप 67 हाथियों का है। यह दल बोजिया के पास एक बड़े तालाब के किनारे डेरा जमाए हुए हैं।

आसपास में विचरण कर रहे 3-4 दल एक साथ मिल गए हैं। इससे बड़ी परेशानी हो रही है। ये हाथी अब परिवार की तरह रहे हैं। इसमें 19 हाथी के बच्चे भी हैं। यह दल एक साथ विचरण कर रहा है। मंगलवार रात को नुकसान की जानकारी मिली, जिसके बाद बुधवार को दिनभर वन कर्मी फसल का आंकलन करते रहे।

दल से बिछड़े दंतैल ने तीन मकान तोड़े, फसल रौंदा बलरामपुर जिले के विकासखंड रामचंद्रपुर के आसपास के गावों में दो हाथियों ने तीन मकानों को तोड़कर उसमें रखा अनाज खा गए। वहीं हाथियों के मकान तोड़ने की घटना से आसपास के इलाकों में दहशत है। वन विभाग के अधिकारी गजराज वाहन के साथ गांवों में घूमकर जंगल की तरफ नहीं जाने और हाथियों से दूरी बनाए रखने की मुनादी कर रहे हैं। सोमवार रात दो हाथी रामचंद्रपुर फॉरेस्ट रेंज के उचुरवा गांव में घुस आए और जंगल से सटे तीन मकानों को तोड़ दिया।

कर गिरा दिया। गनीमत ये रही कि हाथी मकान तोड़ने से पहले चिंघाड़ने लगे। आवाज सुनकर मकान में रहने वाले लोग बाहर निकले तो हाथियों को देखकर वहां से गांव की ओर भागे, जिससे उनकी जान बच गई। हालांकि हाथियों ने तीन ग्रामीणों का मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है। इससे अब उनके सामने इस ठंड में रहने की समस्या हो गई है।

तीनों परिवार के सदस्य अब दूसरों के घरों में आसरा लेने को मजबूर हैं। हाथियों के गांव में आते ही ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों की दी। सूचना पर पहुंचे कर्मियों ने गजराज वाहन से पहुंचकर दोनों हाथी को जंगल की तरफ भगाया।

हाथियों के बीच संघर्ष में एक घायल, गुड़ में मिलाकर दी दवाई वनमंडल कटघोरा में घूम रहे हाथी अब आपस में भिड़ने लगे हैं। गुरसियां में दो हाथियों के बीच संघर्ष में एक घायल हो गया। वन विभाग की टीम ने गुड़ के साथ दवा खिलाया। उसके पैर में चोट आई है। इसके पहले भी केंदई रेंज में वहीं हाथी घायल हो चुका है। एतमानगर रेंज में 26 हाथी एक झुंड में और 10 हाथी दूसरे झुंड में मड़ई के पास घूम रहे हैं। एक दंतैल हाथी अलग से घूम रहा था। बीच में वह झुंड में शामिल हो गया था। लेकिन मंगलवार रात हाथियों के बीच लड़ाई में वह घायल हो गया। गुरसिया के पास वन अमले ने लंगड़ाते देखा तो उसे फिर से दवाई दी गई है।

केंदई रेंज में 10 हाथियों का झुंड और पसान रेंज में भी 10 हाथियों का झुंड घूम रहा है। हाथियों की निगरानी के लिए वन अमले की ड्यूटी लगाई गई है। धान कटाई होने के बाद अब हाथी गांव के आसपास पहुंच रहे हैं। इस वजह से ग्रामीण भी हाथियों को खदेड़ने के लिए रतजगा कर रहे हैं। केंदई रेंजर अभिषेक दुबे ने बताया कि हाथियों ने अभी कोई नुकसान नहीं किया है।

हाथियों के बीच संघर्ष में एक गंभीर रूप से घायल

वनमंडल कटघोरा में घूम रहे हाथी अब आपस में भिड़ने लगे हैं। गुरसियां में दो हाथियों के बीच संघर्ष में एक घायल हो गया। वन विभाग की टीम ने गुड़ के साथ दवा खिलाई। उसके पैर में चोट आई है। इसके पहले भी केंदई रेंज में वहीं हाथी घायल हो चुका है। एतमानगर रेंज में 26 हाथी एक झुंड में और 10 हाथी दूसरे झुंड में मड़ई के पास घूम रहे हैं। एक दंतैल हाथी अलग से घूम रहा था। बीच में वह झुंड में शामिल हो गया था। मंगलवार रात हाथियों के बीच लड़ाई में वह घायल हो गया।

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