छत्तीसगढ़

जिंदा जलते महामाया मंदिर के कुंड में कूदा, मौत:शख्स के कपड़ों में लगी थी आग, जान बचाने पानी में लगाई छलांग, लाश बरामद

बिलासपुर जिले के रतनपुर के महामाया मंदिर परिसर स्थित कुंड में कूदने से एक अधेड़ की मौत हो गई। पुलिस ने SDRF की टीम की मदद से करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद उसके शव को बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि वह तड़के बाथरूम गया था, तभी उसके कपड़ों में आग लग गई। जान बचाने के लिए वह गहरे कुंड में कूद गया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

टीआई देवेश राठौर ने बताया कि नवरात्रि पर्व के पहले दिन सिद्ध शक्ति पीठ महामाया मंदिर परिसर में जगराता का आयोजन किया गया था, जिसमें शामिल होने के लिए देर रात तक श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी थी। इस बीच सोमवार की सुबह करीब 6 बजे जानकारी मिली कि मंदिर परिसर में पंखमुखी मंदिर के कुंड में कोई कूद गया है।

बाथरूम से जलते हुए निकला और कुंड में कूद गया अधेड़।
बाथरूम से जलते हुए निकला और कुंड में कूद गया अधेड़।

आग लगाकर कुंड में कूद गया अधेड़
खबर मिलते ही टीआई ने पुलिस की टीम भेजा, जहां पूछताछ में पता चला कि एक अधेड़ बाथरूम से जलते हुए दौड़ रहा था। फिर वह सीधे कुंड में कूद गया। लोगों से पूछताछ के आधार पर पुलिस इसे पहले आत्महत्या मान रही थी।

दो घंटे की मशक्कत के बाद SDRF की टीम ने निकाला शव
पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से कुंड में कूदे शख्स की तलाश शुरू की। फिर SDRF की टीम को बुलाया गया। कुंड करीब 10 से 15 फीट गहरा है, जिसके कारण करीब दो घंटे तक टीम तलाश में जुटी रही। कड़ी मशक्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम ने शव को बाहर निकाला।

हादसे की आशंका, जांच में जुटी पुलिस
जब शव को बाहर निकाल लिया गया, तब पुलिस ने बारीकी से जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस बाथरूम भी गई, जहां से अधेड़ को जलते हुए दौड़ते देखा गया था। वहां लाइटर और उसके जले हुए कपड़े पड़े थे। वहीं, लाइटर भी पड़ा मिला।

प्रारंभिक जांच के बाद पुलिस को शक है कि अधेड़ व्यक्ति बीड़ी या सिगरेट पीने का आदी था। जिसे जलाते समय लाइटर से आग उसके कपड़ों में लगी होगी और वह जान बचाने के लिए दौड़कर सीधे कूंद में कूद गया। कुंड गहरा होने के कारण वह गहराई में डूब गया और उसकी मौत हो गई होगी।

पत्नी की हो चुकी है मौत, अकेले रहता था अधेड़
पुलिस ने मृतक की पहचान बलराम यादव (55) पिता शंकर यादव के रूप में की है। वह मूलत. सरकंडा के लिंगियाडीह का रहने वाला था। उसकी पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी है और बेटी की शादी हो चुकी है। वह चार-पांच साल से वह रतनपुर में अकेले रहता था और होटल में काम करता था।

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