सारंगढ़ बिलाईगढ़

पर्यवेक्षक पहुंचे, कांग्रेस के एक-एक पार्षदों से आज अकेले में करेंगे चर्चा

नगर निगम में कांग्रेस की महापौर जानकी काटजू के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी नया विश्वास प्रस्ताव लाया है। 15 सितंबर को सदन में इस पर बहस होगी। कांग्रेस इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न मानकर किसी भी सूरत में असफल करना चाहती है।

सोमवार को रायपुर से पीसीसी के निर्देश पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद दुबे और वीरगांव के महापौर को रायगढ़ भेजा गया है। मंगलवार को यह दोनों पर्यवेक्षक कांग्रेसी पार्षदों से एक-एक कर चर्चा करेंगे। वहीं महापौर का खेमा भी संगठन के साथ मिलकर कांग्रेसी पार्षदों को एकजुट करने में लगा हुआ है ताकि क्रॉस वोटिंग रोकी जा सके कांग्रेस क्रॉस वोटिंग रोकने में कामयाब होती है तो अविश्वास प्रस्ताव असफल हो सकता है।

पर्यवेक्षकों की समझाइश से अलग, महापौर और जिला कांग्रेस कमेटी इस रणनीति पर कम कर रही है कि पार्षदों को सदन में जाने से रोक दिया जाए। दरअसल 48 पार्षदों वाले नगर निगम में अभी 47 पार्षद है। इसमें भाजपा के पास 21 पार्षद हैं, जबकि अविश्वास प्रस्ताव सदन में रखना का कोरम तभी पूरा हो सकता है, जब सदन में 24 या उससे अधिक पार्षद हों। भाजपा 8 से 10 ऐसे कांग्रेसी पार्षदों से क्रॉस वोटिंग की उम्मीद लगाए हुए हैं जो लंबे समय से महापौर से नाराज चल रहे हैं।

वहीं, कांग्रेसी दावा करते हैं कि भाजपा के चार-पांच पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ हैं। ऐसे में पूरा दारोमदार कांग्रेस के नाराज पार्षदों पर है। यदि जिला कांग्रेस कमेटी और महापौर खेमा पार्षदों को सदन में उपस्थित होने से रोके तो अविश्वास प्रस्ताव ताल या रद्द हो सकता है। हालांकि कांग्रेस का एक खेमा इस रणनीति से सहमत नहीं है। उनका मानना है कि सत्तारूढ़ दल होने और नगर निगम में बहुमत के बावजूद सदन से दूर रहे तो फजीहत होगी।

  • rammandir-ramlala

Related Articles

Back to top button