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रायगढ़: गांव पहुंचने के तीन रास्ते, सभी कच्चे, बारिश में बाइक और साइकिल चलाना भी मुश्किल

पुसौर ब्लाक से लगभग 10 किमी दूर सोड़ेकेला गांव है। यहां सालों से सड़क नहीं है। गांव पहुंचने के तीन प्रमुख रास्ते कच्चे हैं। बारिश के दिनों में गड्ढे और कीचड़ के कारण चारपहिया तो दूर बाइक और साइकिल चलाना मुश्किल होता है। इलाज या प्रसव के लिए अस्पताल जाना हो तो त्रासदी झेलनी पड़ती है। एम्बुलेंस चालक या 112 के लोग मुख्य मार्ग तक आने के लिए कहते हैं। ऐसा नहीं है कि ये सब विधायक को पता नहीं है, अफसर नहीं जानते हों लेकिन इन्हें सरोकार नहीं है।

तीन साल से ग्रामीण आवेदन दे रहे हैं। दफ्तरों में ज्ञापन, नेताओं को मांग पत्र दे रहे हैं, लेकिन सुनवाई नहीं है। अब इस गांव के लोग विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने की बात कह रहे हैं। दैनिक भास्कर मतदान के बहिष्कार का बिल्कुल समर्थन नहीं करता, मतदान में नोटा का विकल्प भी होता है। खबर इसलिए लिखी जा रही है ताकि ग्रामीणों की समस्या पर जिम्मेदार ध्यान दें।

सोड़ेकेला की आबादी दो हजार है। यहां मतदाताओं की संख्या 1200 के करीब है। ग्राम पंचायत ने गांव के भीतर सीसी रोड बनवा दी है, लेकिन मुख्य सड़क से गांव को जोड़ने वाली सड़क नहीं बनवाई गई है। स्कूल के नजदीक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का एक बोर्ड लगा है। इस पर घुटकुपाली से सोड़ेकेला तक 1 किलोमीटर लंबी सड़क छह लाख 87 हजार रुपए में बनाने की बात लिखी है। इस बोर्ड पर काम 23 दिसंबर 2019 को शुरू हुआ और 7 जुलाई 2020 में खत्म हो गया, लेकिन जमीन पर सड़क नहीं बनी है। सरपंच और ग्रामीणों को पता नहीं है कि जब सड़क बनी नहीं तो बोर्ड किसने और क्यों लगवा दिया। सरपंच पति हीरालाल सारथी ने बताया कोरोना के बाद जीवन सामान्य हुआ तो जून से नवंबर 2021 तक ग्रामीणों ने मंत्री उमेश पटेल, विधायक प्रकाश नायक, तत्कालीन कलेक्टर को पत्र सौंपकर सड़क बनवाने की मांग कर चुके हैं। सड़क की लंबाई भी ज्यादा नहीं है। तीन ओर से 2-2 किमी सड़क ही बनाई जानी है। ग्रामीणों ने कहा कि घुटकूपाली में सड़क के बीच और किनारे पर कुछ किसानों की जमीन है, वे बिना सेटलमेंट के जमीन देना नहीं चाहते हैं। यह भी एक वजह है कि सालों बाद सड़क नहीं बन सकी।

एंबुलेंस चालक कहते हैं- मरीज को घुटकूपाली तक ले आइए ग्रामीण सुरेंद्र उरांव ने बताया कि किसी की तबीयत खराब हो या प्रसव के लिए गर्भवती को अस्पताल ले जाना हो तो एम्बुलेंस या 112 से संपर्क करते हैं। पहुंच मार्ग नहीं होने के कारण उनसे घुटकूपाली तक मरीज को लाने के लिए कहा जाता है।

अफसरों से बात की है, बारिश के बाद शुरू होगा निर्माण ^मुख्यमंत्री सड़क की घोषणा कर चुके हैं। मैं खुद गांव में सड़क देखने गया था। किन्हीं कारणों से काम शुरू नहीं हो सका है। मैंने अफसरों से बात की है, बारिश के बाद काम शुरू कराने के लिए कहा है। सड़क जल्द बनवाई जाएगी। प्रकाश नायक, विधायक

मंत्री और विधायक को ग्रामीण दे चुके हैं पत्र

मुख्यमंत्री भी घोषणा कर चुके, पर काम शुरू नहीं भेंट मुलाकात कार्यक्रम में पिछले साल सितंबर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पुसौर के नवापारा आए थे। ग्रामीणों के दल ने मुखमंत्री से सड़क बनवाने की गुहार लगाई। उन्होंने ग्रामीणों की समस्या सुनकर तुरंत सड़क बनवाने की घोषणा की। अफसरों को निर्देश दिए, लेकिन एक साल गुजर गया, सड़क बनवाना तो दूर अफसर ने प्रक्रिया तक शुरू नहीं की। ग्रामीणों के चुनाव बहिष्कार की घोषणा का पता चलने के बाद कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने इंजीनियरों को सर्वे के लिए भेजा।

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