सारंगढ़ बिलाईगढ़

रायगढ़: डेंगू का डंक: 48 में 6 वार्ड हॉटस्पॉट अब तक शहर में 230 चपेट में आए

प्रदेश में रायगढ़ शहर डेंगू प्रभावित माना जाता है। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की लापरवाही से यह साबित भी हो रहा है। पिछले महीने से 48 वार्डों में अलग-अलग जगह से 230 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, रविवार की रात शहर के बाल सरंक्षण अधिकारी की मौत भी डेंगू से होने की बात कहीं जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग डेंगू से मौत की पुष्टि नहीं कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार शहर के 48 वार्डों में 6 वार्ड ज्यादा संवेदनशील माना जा रहा है। इन वार्डों में ही 150 से अधिक मरीज मिल चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम दोनों लोगों को जागरूक करने और दवा के छिड़काव का दावा करते रहे हैं लेकिन इसका असर नहीं दिखा रहा है। दरअसल कभी धूप और कभी बारिश होने के कारण इन दिनों डेंगू के लिए अनुकूल वातावरण है। इसके चलते हर दिन लोग डेंगू की चपेट में आ रहे हैं।

प्राइवेट हॉस्पिटल सहित शासकीय हॉस्पिटल में भर्ती मरीज किट से जांच के बाद एलाइजा टेस्ट के लिए सैंपल भेजे जा रहे हैं। 11 सितंबर तक 230 मरीज पहुंच चुके हैं। मौसम में बदलाव के कारण मौसम का कहर बढ़ता जा रहा है, दूसरे ओर ना तो दवा का छिड़काव हो रहा है और न ही फॉगिंग मशीन चलाई जा रही है।

मच्छर अगरबत्ती का बढ़ा खर्च डेंगू के साथ वार्डों में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। शाम होते ही नए-नए उपयोग कर मच्छरों से राहत पाने लगे हुए हैं। कंडे, मच्छर अगरबत्ती, नीम के पत्ते, नारियल के झिलके जैसे अन्य तरीकों से मच्छर भगाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन नगर निगम हाथ पर हाथ धरे मौसम सामान्य होने का इंतजार कर रही है। नगर निगम के 10-10 फॉगिंग मशीन होते हुए भी लोगों को मच्छर से राहत नहीं पहुंचा पा रहे हैं।

अन्य कारणों से हुई है मौत ^जिंदल हॉस्पिटल में बाल सरंक्षण अधिकारी की मौत होने की बात कहीं जा रही है। उनकी मौत डेंगू से हुई है स्पष्ट नहीं है। ऐसा होता तो हॉस्पिटल से रिपोर्ट भेजा दिया होता। मरीज को पीलिया, अटैक, टाइफाइड जैसे अन्य बीमारी थी। प्लेटलेट्स कम होने की वजह दूसरी बीमारी भी हो सकती है। शहर के 6 वार्ड हॉटस्पॉट बने हुए हैं। अबतक 230 मरीज सामने आ चुके हैं। -टीजी कुलवेदी, जिला मलेरिया अधिकारी

इलाज शुरू होने के 4 घंटे के अंदर अधिकारी की हुई मौत बाल सरंक्षण अधिकारी दीपक देवांगन कुछ दिनों से डेंगू और टाइफाइड से पीड़ित थे। एक लैब अटेंडेंट ने किट से जांच कर निगेटिव रिपोर्ट दे दी। उनका इलाज चल रहा था, अचानक तबीयत बिगड़ने लगी तो उन्हें फोर्टिस जिंदल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उनका प्लेटलेट्स काउंट 18 हजार के पास था। उपचार शुरू किया गया लेकिन चार घंटे में ही उनकी मौत हो गई। फोर्टिस अस्पताल में भी डेंगू से मौत की पुष्टि नहीं की गई है। स्वास्थ्य विभाग के अफसर दीपक की मौत की वजह पीलिया, टाइफाइड के बाद हार्टअटैक को बता रहा है।

  • rammandir-ramlala

Related Articles

Back to top button