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रायगढ़: 1100 दोहे और चौपाई कंठस्थ:साहित्यकार डॉ. मणिकांत भट्ट ने लॉकडाउन में किया कमाल, भक्ति में डूब रट डाले रामायण के कई पात्र

कोरोना काल में लगने वाले लॉकडाउन में आम जनता को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं इस कोरोना काल में कई लोगों ने अपनी प्रतिभा के जरिए हर किसी को चौंकाया भी है। इन्हीं में से एक हैं शहर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मणिकांत भट्ट, जिन्होंने लॉकडाउन में रामायण के पवित्र ग्रंथ के 1100 दोहे और चौपाइयों को कंठस्थ याद कर लिया है।

वरिष्ठ साहित्यकार हैं डॉ. मणिकांत भट्ट

रायगढ़ शहर के रहने वाले डॉ. मणिकांत भट्ट वैसे तो एक वरिष्ठ साहित्यकार, कवि के साथ-साथ होम्योपैथी क्लीनिक का संचालन करते हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के समय जब लॉकडाउन लगा तो उनका क्लीनिक भी इससे प्रभावित हुआ था।

रायगढ़ के डॉ. मणिकांत भट्ट ने रामचरितमानस की 1100 चौपाइयां और चौपाइयां सुनाईं
रायगढ़ के डॉ. मणिकांत भट्ट ने रामचरितमानस की 1100 चौपाइयां और चौपाइयां सुनाईं

डॉ. मणिकांत भट्ट ने कहा कि ऐसे में बिना क्लीनिक के उनका समय नहीं कट रहा था। इस वजह से उनका रुझान आध्यात्म की ओर गया। उन्होंने कुछ नया और अलग करने की मंशा से रामचरितमानस पाठ करना शुरू किया।

राम चरित मानस पाठ डॉ. मणिकांत भट्ट के दिनचर्या में ऐसा समाया कि दो साल तक लगातार किए गए अध्ययन के बाद रामचरितमानस के 1100 दोहे और चौपाइयां उन्हें कंठस्थ याद हो गए हैं। उन्होंने प्रस्तुतिकरण का लाइव प्रसारण यूट्यूब के माध्यम से किया।

वैसे तो पवित्र ग्रंथ रामायण में कई दोहे और चौपाईयां हैं, लेकिन लोग इस ग्रंथ को देखकर ही पढ़ते हैं। लगातार 2 साल के रियाज के बाद 1100 दोहे और चौपाइयों को कंठस्थ याद करके डॉ. मणिकांत भट्ट ने सभी को चकित कर दिया है। अब पूरे शहर में उनकी चर्चा होने लगी है।

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