स्कूली छात्राओं से लगवाई झाड़ू,VIDEO:एग्जाम के समय मजदूरों की तरह ढो रही ईंटें; SC ने भी लगाई है काम कराने पर पाबंदी
बिलासपुर में स्वामी आत्मानंद गर्ल्स स्कूल की छात्राएं प्रिंसिपल के रवैये से परेशान हैं। यहां स्कूली छात्राओं से मजदूरों की तरह काम कराया जा रहा है। इसका VIDEO भी सामने आया है, जिसमें छात्राएं झाड़ू लगाती और ईंटें ढोती नजर आ रही हैं।
एग्जाम के टाइम पर छात्राओं से काम कराने को लेकर अब सवाल भी उठ रहे हैं। मामला सरकंडा के नूतन चौक स्थित गर्ल्स स्कूल का है।
स्कूल में फेयरवेल कार्यक्रम की तैयारी
जानकारी के मुताबिक, स्कूल में फेयरवेल कार्यक्रम की तैयारी चल रही है। शुक्रवार को स्कूल में प्राचार्यों की बैठक भी बुलाई थी। जिसके कारण छात्राओं से सफाई के नाम पर काम कराया गया। इस मामले में प्रिंसिपल गायत्री तिवारी से उनके मोबाइल पर संपर्क किया गया, लेकिन उनसे बातचीत नहीं हो पाई।
वहीं DEO टीआर साहू को भी उनके मोबाइल पर कॉल किया गया। उन्होंने शिविर में होने और इस मुद्दे पर बाद में बात करने की बात कही।
स्वच्छता के नाम पर कराया गया काम, पढ़ाई पर ध्यान नहीं
स्कूल में बच्चों से स्वच्छता के नाम पर काम कराया जा रहा है। ऐसा भी नहीं है कि बच्चों से केवल एक ही दिन काम कराया गया है, बल्कि इससे पहले भी यहां स्टूडेंट्स से काम कराया जा रहा था। छात्राएं मजदूरों की तरह ईंट ढोती नजर आई थीं, तो कुछ छात्राएं परिसर में झाड़ू लगाती दिखी थीं। ऐसे में एग्जाम के टाइम पर पढ़ाई प्रभावित होना स्वाभाविक है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा VIDEO
स्कूल में बच्चों के झाड़ू लगाने और ईंट ढोने का VIDEO सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो देखकर पैरेंट्स को इसकी जानकारी हुई। अब परिजन में काफी नाराजगी है। हालांकि, अभी तक उन्होंने मामले की शिकायत नहीं की है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को किया नजरअंदाज
सरकारी स्कूलों में बच्चों से काम कराने पर सुप्रीम कोर्ट ने पाबंदी लगाई है। राज्य सरकारों को आदेश जारी कर बच्चों से काम नहीं कराने का आदेश दिया गया है। इसके बावजूद आदेश को ताक पर रखकर स्कूल के प्रिंसिपल स्टूडेंट्स से काम करा रहे हैं।
रामदुलारे स्कूल के प्रिंसिपल पर हुई थी कार्रवाई
इससे पहले बिलासपुर में रामदुलारे दुबे हायर सेकेंडरी स्कूल में बच्चों से सफाई कराने वाले प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी। स्कूलों में बच्चों से काम नहीं लिया जाए, इसके लिए राज्य सरकार ने प्यून के साथ ही सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था की है, बावजूद इसके बच्चों से काम कराया जा रहा है।