रायपुर, 30 जनवरी – छत्तीसगढ़ में डीजीपी पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा के एक्सटेंशन की अवधि 3 फरवरी को समाप्त हो रही है, और अब तक नए डीजीपी की नियुक्ति को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में, अरुणदेव गौतम का नाम प्रभारी डीजीपी के रूप में सबसे आगे बताया जा रहा है।
क्या मिलेगा अशोक जुनेजा को एक्सटेंशन?
डीजीपी अशोक जुनेजा को पिछले साल 6 महीने का एक्सटेंशन मिला था, लेकिन अब उनके कार्यकाल के तीन दिन ही शेष हैं। हालांकि, उनके एक्सटेंशन को लेकर भी चर्चाएं जारी हैं। राज्य में नक्सल विरोधी अभियान निर्णायक मोड़ पर है, और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में कुछ अधिकारियों का मानना है कि जुनेजा को एक साल का और एक्सटेंशन मिल सकता है, जबकि कुछ का तर्क है कि अब नए डीजीपी की नियुक्ति होनी चाहिए।
अरुणदेव गौतम बन सकते हैं प्रभारी डीजीपी?
अगर अशोक जुनेजा को एक्सटेंशन नहीं मिलता, तो फिर नया डीजीपी कौन होगा, यह बड़ा सवाल है। यूपीएससी के पैनल से पूर्णकालिक डीजीपी की नियुक्ति में अभी 15-20 दिन का समय लग सकता है, इसलिए इस बीच राज्य सरकार को प्रभारी डीजीपी नियुक्त करना होगा।
वरिष्ठता के आधार पर पवनदेव और अरुणदेव गौतम 1992 बैच के अधिकारी हैं, लेकिन अरुणदेव गौतम का नाम सबसे मजबूत माना जा रहा है। पिछले साल 3 अगस्त को जब अशोक जुनेजा को एक्सटेंशन मिला था, उससे पहले राज्य सरकार ने अरुणदेव गौतम को प्रभारी डीजीपी बनाने की तैयारी कर ली थी। ऐसे में, अगर जुनेजा को दोबारा एक्सटेंशन नहीं मिला, तो अरुणदेव गौतम को प्रभारी डीजीपी बनाए जाने की संभावना सबसे अधिक है।
अंतिम फैसला कब?
3 फरवरी तक अगर केंद्र सरकार से एक्सटेंशन या नए डीजीपी की कोई घोषणा नहीं होती, तो राज्य सरकार को प्रभारी डीजीपी की नियुक्ति करनी पड़ेगी। हालांकि, अंतिम निर्णय आने तक सस्पेंस बरकरार रहेगा। अब सभी की नजरें 3 फरवरी की दोपहर तक होने वाली घोषणाओं पर टिकी हैं।