छत्तीसगढ़बिलासपुर

जलदायनी अरपा ; दूर नहीं हुई‌ अब तक दुर्दशा

प्रशासन के लेटलतीफे रवैये से हाईकोर्ट नाराज

. सुरेश सिंह बैस -बिलासपुर। नगर के बीच से बहती जलदायनी अरपा की बदहाली का मुद्दा सियासी पार्टियों को चुनावी नैया पार कराते रहा है, लेकिन उसकी दुर्दशा अब तक दूर नहीं हुई है। पार्टियों द्वारा चुनाव के समय वोटरों को निभाने के लिए केवल और केवल झुनझुना ही बजा कर घोषणा वीर की तरह काम किया गया। लेकिन इस मुद्दे को अमली जामा आज तक नहीं पहनाया जा सका है। तत्कालीन भाजपा और उसके बाद कांग्रेस की सरकार ने उद्गम के संरक्षण की घोषणा की, पर योजनाओं की कागजी दौड़ अब तलक चल रही है, उसे मुकाम हासिल नहीं हुआ।गौरतलब है कि, अरपा की दारूण दशा पर पांच साल पहले हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। इसके बाद से न्यायालयकी पहल पर नदी के संरक्षण, संवर्धन को लेकर लगातार सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने अब अरपा को लेकर दायर सभी याचिकाओं की सुनवाई चीफ जस्टिस के समक्ष करने का निर्णय लिया है।हाईकोर्ट की पहल न होती तो अरपा को प्रदूषण से मुक्त कराने, नदी में बारहों महीने जल का प्रवाह बनाए रखने के लिए बैराज, एनीकट के निर्माण और उद्गम स्थल की भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू नहीं होती, लेकिन अब इसके लिए जमीनी कार्यवाही तेज करने वक्त की जरूरत बन गया है।

अरपा की कौन कौन योजनाएं अधूरी

अरपा के शिवघाट और पचरीघाट में पानी रोकने के लिए बैराज निर्माण का कार्य अभी तक अपूर्ण है। वही अरपा रपटा के बगल में बने हुए पचरी घाट बैराज में बने हुए आवाजाही के लिए बने पूल को भी अब तक शुरू नहीं किया गया है । इसके शीघ्र शुरू होने से अरपा रपटा पर ट्रैफिक जाम की असुविधा से आम जनता को काफी राहत मिल जाएगा। पेंड्रा के अमरपुर में उद्गम स्थल के संरक्षण, जलकुंड के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रियाधीन है । यह प्रक्रिया भी काफी दिनों से प्रक्रियाधीन ही है । अभी तक कंप्लीट नहीं हुई है ।शहर में नदी में पहुंचने वाले सत्तर नाले, नालियों के गंदे पानी के ट्रीटमेंट का लक्ष्य अब तक अधूरा है। इसके लिए प्रशासन द्वारा नए-नए बहाने व तर्क देकर काम को लेट लतीफ किया जा रहे हैं । भला हो हाई कोर्ट का जिन्होंने इसओर कड़ाई बरतते हुए प्रशासन को कई बार चेतावनी दी है। वरना यह काम तो और भी पीछे चल रहा होता । वहीँ अरपा में कचरा, मलबा की डंपिंग लगातार जारी है। इस समस्या का समाधान भी बहुत जरूरी और शीघ्र होना चाहिए।इधर कमिश्नर ने कहा है की आगामी मार्च 2025 तक शीघ्र ही एसपी बन जाएंगे।

निगम के चिल्हाटी और दोमुंहानी स्थित दो एसटीपी से शतप्रतिशत गंदे पानी के उपचार के लिए कार्य चल रहा है। इसकी क्षमता 71 एमएलडी की है। उन्होंने बताया कि बिलासपुर स्मार्ट सिटी ने 30 करोड़ की लागत से मंगला में 2 और कोनी व जवाली नाला पर 1-1 एसटीपी के निर्माण का कार्य शुरू कराया है। मार्च 2025 तक इसके पूर्ण हो जाने पर इसके जरिए 25 एमएलडी गंदे पानी का ट्रीटमेंट किया जाएगा।इस प्रकार अरपा में नगर निगम एरिया में पहुंचने वाले करीब 70-80 फीसदी गंदे पानी की सफाई की जा सकेगी।

– अमित कुमारक.                                मिश्नर नगर निगम बिलासपुर

अरपा में पहुंचने वाले गंदे पानी की शतप्रतिशत सफाई के लिए ब्लू स्ट्रीम कंपनी को डीपीआर तैयार करने कहा गया है। चूंकि योजना में पीएचई को भी शामिल किया जा रहा है, इसलिए इसकी प्रक्रिया चल रही है।एसटीपी से ट्रीटमेंट के बाद निकले पानी को एनटीपीसी को बेचने की योजना एमओयू के लिए अटकी है,एनटीपीसी से अब तक उचित रिस्पांस नहीं मिल पाया है।

अरपा के उद्गम स्थल को संरक्षित करने के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही गौरेला-पेंड्रा मरवाही जिले से होगी, इसके बाद बिलासपुर में प्रचलित योजनाओं का काम तेजी से आगे बढ़ेगा।-.  अवनीश कुमार शरण

कलेक्टर बिलासपुर

नगर निगम के स्तर पर अरपा में प्रदूषण रोकने, गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए एसटीपी का काम चल रहा है। आगे और एक्शन प्लान बना कर अरपा के संरक्षण, संवर्धन के लिए कार्य कराया जाएगा।

17 साल में भी पूरा नहीं हो पाया सीवरेज प्रोजेक्ट

अरपा में जल-मल की निकासी रोकने के लिए साल 2007-2008 में शुरू हुई सीवरेज परियोजना अपने लक्ष्य सेअब तक कोसो दूर है। योजना के अंतर्गत 40 हजार घरों के जल-मल की सफाई होनी थी, पर अब तक निगम एरिया के करीब 20 फीसदी ही घरों को इससे जोड़ा जा सका है। निगम की मानें तो 17 साल बाद भी केवल 7693 हाउस कनेक्शन दिए जा सके हैं।

इनके जरिए चिल्हाटी स्थित 17 एमएलडी क्षमता के एसटीपी के जरिए 15.50 एमएलडी और 54 एमएलडी क्षमता वाले दोमुंहानी के प्लांट से मात्र 24 एमएलडी जल मल की सफाई की जा रही है। परियोजना के शुरू होने के वर्षों बाद भी शतप्रतिशत जल मल की निकासी का लक्ष्य अधूरा है। जाहिर है कि नालों के जरिए हर दिन नदी में पहुंचने वाला करोड़ों लीटर गंदा पानी अरपा को निरंतर प्रदूषित कर रहा है।

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