रायपुर/: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए साय सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत काम किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप नक्सल मोर्चे पर सरकार को लगातार सफलताएं मिल रही हैं। बड़ी संख्या में नक्सलियों के आत्मसमर्पण और कई खूंखार नक्सलियों के मुठभेड़ों में मारे जाने के बाद, अब सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में शिक्षा की अलख जगाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है।
सरकार ने इन इलाकों के छात्रों को रोबोटिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की शिक्षा देने का निर्णय लिया है। इस बात की जानकारी प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दी। सरकार के इस फैसले से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के 800 छात्रों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
कौशल शिक्षा के लिए अनुबंध
सीजी न्यूज़ की रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पहल को साकार करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ अनुबंध किया है। इस अनुबंध के तहत पहले दो शैक्षणिक वर्षों में 800 सरकारी स्कूलों में कौशल शिक्षा लागू की जाएगी। इसके लिए 1,600 शिक्षकों को कक्षा 6 से 10 तक के 40,000 छात्रों को कौशल और जीवन कौशल की शिक्षा प्रदान करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नक्सल इलाके में शिक्षा की मजबूती पर जोर
साय सरकार नक्सल प्रभावित इलाकों में शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री साय ने निर्देश दिए हैं कि आदिवासी बच्चों को उनकी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखते हुए और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दी जाए। इसके साथ ही, स्थानीय मातृभाषा जानने वाले शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार द्वारा नियद नेल्लानार योजना भी शुरू की गई है, जो इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।