छत्तीसगढ़

पत्रकारों ने शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

 

सुकमा/ सर्व पत्रकार संघ द्वारा एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया, जिसमें गृहमंत्री भारत सरकार के नाम कलेक्टर सुकमा को ज्ञापन सौंपा गया। संघ ने बताया कि एक पत्रकार को साजिश के तहत फर्जी मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद महीनों बीत चुके हैं, लेकिन मामले की जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है।

संगठन ने जानकारी दी कि छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश-तेलंगाना सीमा पर सबरी नदी से रेत माफिया द्वारा अवैध रेत निकासी की जा रही थी। इसी संदर्भ में चार पत्रकार कोन्टा गए थे, जहां उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए खबर बनाने का प्रयास किया। रेत माफिया के इशारे पर तत्कालीन थानेदार अजय सोनकर से विवाद के बाद पत्रकारों ने दंतेवाड़ा के डीआईजी कमलोचन कश्यप को सूचना दी। डीआईजी के निर्देश पर थानेदार ने रेत से भरे ट्रकों को जब्त किया।

हालांकि, पत्रकारों के साथ आगे की कार्रवाई करते समय रेत माफिया ने उनके खिलाफ साजिश रची। रात को कोन्टा के लॉज में पत्रकारों के साथ मारपीट की गई और उनके वाहन में गांजा रखवाने की कोशिश की गई। इसके बाद आंध्र प्रदेश की पुलिस ने पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी किरण व्हाण ने जांच की और थानेदार को दोषी पाया, जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया और मामला न्यायालय में भेजा गया। चार पत्रकारों को 25 दिन तक जेल में रहना पड़ा, और अब यह मामला आंध्र प्रदेश के राजमहेंद्र न्यायालय में लंबित है।

पत्रकार संघ ने छत्तीसगढ़, आंध्र, उड़ीसा, तेलंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के समर्थन में आंदोलन शुरू किया है और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। धरने में प्रदेशभर के पत्रकार उपस्थित रहे।

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