लोकसभा चनाव:लोकसभा और विधानसभा में तीसरे नंबर पर रहे प्रत्याशियों की कुंडली तैयार कर रही भाजपा-कांग्रेस

भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां बीते विधानसभा और लोकसभा में तीसरे नंबर पर रहे प्रत्याशियों की कुंडली तैयार करने में जुट गई है। इसमें दोनों पार्टियां हर लोकसभा में यह देख रही है कि जो पार्टी तीसरे नंबर पर रही, उसने किसके वोट बैंक में सेंध लगाई है। किस सीट पर कौन निर्दलीय प्रभावशाली है। उसके साधने पर कितने वोट प्रतिशत का असर आएगा।
इसको लेकर दोनों पार्टियां विधानसभा में बेहतर परफार्म करने वाले निर्दलीयों से भी संपर्क कर रही है। इसी क्रम में आप के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी को भाजपा में प्रवेश करवाया गया है। बता दें कि विधानसभा चुनाव में भानुप्रतापपुर में वे तीसरे नंबर पर थे। 2019 लोकसभा की बात करें तो 6 सीटों बिलासपुर, दुर्ग, जांजगीर चांपा, रायगढ़, रायपुर राजनांदगांव पर बसपा तीसरे नंबर पर रही। वहीं गोंगपा कोरबा और सरगुजा में तो सीपीआई बस्तर में तीसरे नंबर पर थी। इसके अलावा कांकेर और महासमुंद में निर्दलीय ने तीसरे नंबर पर अपनी जगह बनाई।
गोंगपा 11 और बसपा 5 सीटों पर उतार रही प्रत्याशी
हर लोकसभा में 11 सीटों पर प्रत्याशी उतारने वाली बसपा इस विधानसभा में कोई सीट हासिल न कर पाने की वजह से इस बार कमजोर नजर आ रही है। अभी तक पार्टी ने केवल 5 सीटों बस्तर, कांकेर, महासमुंद, जांजगीर चांपा और रायगढ़ में ही प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। वहीं पिछले लोकसभा में 5 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली गोंगपा इस बार 11 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है। इसके अलावा इंडी गठबंधन होने के बावजूद सीपीआई अपने मजबूत गढ़ बस्तर में उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।
पांच जगहों पर चौथे स्थान पर रही बसपा
2019 में पांच लोकसभा सीटों पर बसपा चौथे स्थान पर रही। बस्तर में 3.3 प्रतिशत, कांकेर मेें 0.9 प्रतिशत, कोरबा में 1.4 प्रतिशत, महासमुंद में 0.9% और सरगुजा में 1.4 प्रतिशत वोट पार्टी को मिला। बता दें कि बस्तर में 4.3 प्रतिशत से ही कांग्रेस जीती थी।
इन सीटों पर बदल जाती स्थिति
2019 के आंकड़ों को देखें तो तीन लोकसभा सीटों पर मार्जिन तीसरे नंबर पर रहे उम्मीदवार को मिले वोट प्रतिशत से भी कम है। जांजगीर चांपा में भाजपा 6.7 प्रतिशत वोट से जीती थी, जबकि बसपा के दाऊ राम रत्नाकर को 10.5 प्रतिशत वोट मिले थे। कांकेर में भाजपा 0.6 प्रतिशत से जीती थी, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार हरि सिंह सिदार को एक प्रतिशत वोट मिला था। वहीं कोरबा में कांग्रेस ने 2.3 प्रतिशत मार्जिन के साथ जीत दर्ज की थी। जबकि गाेंगपा के तुलेश्वर मरकाम 3.3 प्रतिशत वोट के साथ तीसरे नंबर पर थे।
6 लोकसभा सीटों तीसरा दल बेअसर
प्रदेश में 6 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां तीसरे दल का कोई बड़ा प्रभाव देखने को नहीं मिला है। 2019 में भाजपा ने दुर्ग सीट पर 28.2 और रायपुर में 24.9% की बड़ी मार्जिन से जीत हासिल की थी। जबकि दोनों सीटों पर तीसरे नंबर पर रही बसपा ने क्रमश: 1.4 प्रतिशत और 0.8% ही वोट पाए थे। इसके अलावा सरगुजा में 12.3, बिलासपुर में 11.7, राजनांदगांव 8.6 और महासमुंद में 7.4% वोटों से भाजपा जीती थी। इन सभी सीटों तीसरे नंबर पर रहे प्रत्याशी को 2 प्रतिशत से कम ही वोट मिले।

एक-एक विस की तैयार कर रही रणनीति
लोकसभा जीतने के लिए भाजपा-कांग्रेस एक-एक विधानसभा की रणनीति तैयार कर रही है। इसमें हर विधानसभा में तीसरे नंबर पर कौन रहा उससे संपर्क भी किया जा रहा है। पार्टियों से भी बात हो रही है। उदाहरण के तौर पर रायपुर उत्तर में निर्दलीय अजीत कुकरेजा ने 22,939 वोट पाए थे, जबकि जीत का मार्जिन यहां सिर्फ 23,054 वोट ही था। वहीं पाली तानाखार में तो गोंगपा के तुलेश्वर मरकाम ने जीत हासिल की है। ऐसे में कोरबा लोकसभा में पाली तानाखान विधानसभा अहम भूमिका निभा सकता है।

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