छत्तीसगढ़

“सड़क बिछाने से पहले बिछी घोटाले की बिसात! भारतमाला में 43 करोड़ की मलाई मार गए अफसर-नेता”

गरियाबंद/अभनपुर।देश की सड़कों को चौड़ा करने की योजना थी, लेकिन कुछ अफसर और नेता अपनी जेब चौड़ी करने में जुटे थे। छत्तीसगढ़ के अभनपुर में भारतमाला परियोजना के मुआवजा वितरण में 43 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। इस स्कैम में किसानों के नाम पर नेताओं, अधिकारियों और दलालों की तिकड़ी ने खुलकर खेल किया।

किसानों को मिलने वाली राशि को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया गया और बिना सड़क बने ही करोड़ों की रकम निजी खातों में पहुंच गई।

EOW-ACB की दबिश से हड़कंप

आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने 20 से ज्यादा जगहों पर एकसाथ रेड मारकर इस घोटाले की परतें उधेड़ीं। छापों में लैपटॉप, रजिस्ट्री कागज, प्रॉपर्टी डीलिंग के दस्तावेज और दलालों की काली डायरी भी जब्त की गई है।

छह VIP कटघरे में

कार्रवाई में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष कुंदन बघेल, जिला पंचायत सदस्य खेमराज कोसले, कुरूद नगर पंचायत अध्यक्ष ज्योति चंद्राकर, उनके पति भानु चंद्राकर और माता सरिता चंद्राकर समेत 6 प्रभावशाली लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

कैसे हुआ खेल?

जमीन अधिग्रहण के नाम पर अफसरों और दलालों की मिलीभगत से जमीन की कीमत बढ़ाकर फर्जी मुआवजा फाइलें तैयार की गईं। नकली मूल्यांकन के जरिए सरकारी खजाने से पैसे निकाले गए और बंदरबांट कर ली गई।

राजस्व अफसर भी जांच के घेरे में

सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू और तहसीलदार शशिकांत कुरें के खिलाफ भी जांच चल रही है। माना जा रहा है कि इन अधिकारियों ने जमीन की वैल्यू जबरन बढ़ाकर इस खेल में हिस्सा लिया।

जनता के सवाल— सड़क कब बनेगी, या घोटाले की गाड़ी यूं ही दौड़ेगी?

अब जनता पूछ रही है कि—

  • क्या बाकी दोषियों पर भी कार्रवाई होगी?
  • क्या किसानों को उनका असली हक मिलेगा या सिर्फ झूठी घोषणाएं?
  • आखिर विकास की गाड़ी कब पटरी पर लौटेगी?
  • अब तक की सबसे बड़ी मुआवजा घोटाले की कार्रवाई

भारत माला परियोजना में हुआ यह घोटाला छत्तीसगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा भूमि अधिग्रहण घोटाला माना जा रहा है। आगे और भी खुलासों के संकेत मिल रहे हैं।

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