बस चांद पर उतरने ही वाला है Chandrayaan-3, भेजीं चंद्रमा की बेहतरीन तस्वीरें और Videos
ISRO ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर को चांद के बिल्कुल करीब पहुंचा दिया है। हाल में ही ISRO ने विक्रम लैंडर में लगे कैमरे से खींचे गए चांद के सतह की फोटो और रिकॉर्ड किए हुए वीडियो को अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से शेयर किया है। वीडियो में साफतौर पर दिख रहा है कि विक्रम लैंडर चांद की सतह से बिल्कुल नजदीक है। ISRO ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि विक्रम लैंडर बिल्कुल सही कंडिशन में है।
Chandrayaan-3 Mission:
The Lander Module (LM) health is normal.LM successfully underwent a deboosting operation that reduced its orbit to 113 km x 157 km.
The second deboosting operation is scheduled for August 20, 2023, around 0200 Hrs. IST #Chandrayaan_3#Ch3 pic.twitter.com/0PVxV8Gw5z
— ISRO (@isro) August 18, 2023
23 अगस्त को चांद पर लैंड करेगा विक्रम लैंडर
बता दें कि, विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चांद के साउथ पोल एरिया में लैंड करेगा। फिलहाल ISRO विक्रम लैंडर के डीबूस्टिंग प्रक्रिया पर काम कर रहा है। जिसमें अंतरिक्ष यान को चांद के सबसे नजदीक वाले ऑर्बिट में लाने के बाद धीमा करना पड़ता है ताकि चांद पर सॉफ्ट लैंडिग हो सके। ISRO ने बताया कि एलएम ने सफलतापूर्वक डीबूस्टिंग ऑपरेशन किया जिससे इसकी कक्षा 113 किमी x 157 किमी तक कम हो गई। दूसरा डिबूस्टिंग ऑपरेशन 20 अगस्त के रात 8 बजे किया जाएगा।
Chandrayaan-3 Mission:
🌖 as captured by the
Lander Position Detection Camera (LPDC)
on August 15, 2023#Chandrayaan_3#Ch3 pic.twitter.com/nGgayU1QUS— ISRO (@isro) August 18, 2023
Chandrayaan-3 Mission:
View from the Lander Imager (LI) Camera-1
on August 17, 2023
just after the separation of the Lander Module from the Propulsion Module #Chandrayaan_3 #Ch3 pic.twitter.com/abPIyEn1Ad— ISRO (@isro) August 18, 2023
चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3 रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था। विक्रम लैंडर 5 अगस्त को चांद के कक्षा में प्रवेश कर गया। 17 अगस्त को विक्रम लैंडर अपने प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो गया। चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलोअप मिशन है। जिसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान को उतारना और चंद्रमा की सतह का पता लगाने के लिए एक रोवर तैनात करना है। रोवर चंद्रमा की संरचना और भूविज्ञान पर डेटा एकत्र करेगा। इस मिशन के कामयाब होने के बाद भारत भी अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जिन्होंने चंद्रमा पर सफलतापूर्वक मिशन चलाए हैं।