छत्तीसगढ़

GGU के बिहेवियर क्लास में ‘नास्तिकता’ का पाठ VIDEO:मेंटर बोली-पूजा करना अंधविश्वास, देवी-देवताओं पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी

बिलासपुर के गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी(GGU) में बिहेवियर क्लब में स्टूडेंट्स को नास्तिकता(भगवान को नहीं मानने) का पाठ पढ़ाया जा रहा है। यही नहीं देवी-देवताओं पर विवादित टिप्पणी करते हुए पूजा पाठ को अंधविश्वास भी बताया जा रहा है।

बिहेवियर क्लब के इस क्लास का एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने क्लब के सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है। वायरल वीडियो में एक महिला मेंटर टिप्पणी करते हुए नजर आ रही है।

दरअसल, सेंट्रल यूनिवर्सिटी में यूनिसेफ के सहयोग से बिहेयवियर क्लब का गठन किया गया है। इस क्लब में मेंटर्स नियुक्त कर स्टूडेंट्स को क्लब का सदस्य बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में सामाजिक एवं व्यावहारिक परिवर्तन लाना है।

इस उद्देश्य को प्राप्त करने बिहेवियर क्लब यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों के छात्र-छात्रों को तैयार करता है। बिहेवियर क्लब के सदस्य एवं मेंटर्स सप्ताह में एक दिन मीटिंग करते हैं, जिसमें समाज के उन पहलुओं के बारे में चर्चा करते हैं, जहां सामाजिक परिवर्तन की जरूरत है।

यूनिवर्सिटी ने आदेश जारी कर बिहेवियर क्लब की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है।
यूनिवर्सिटी ने आदेश जारी कर बिहेवियर क्लब की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है।

मेंटर्स पढ़ा रहे नास्तिकता का पाठ
यूनिवर्सिटी में संचालित बिहेवियर क्लब की बैठक और क्लास का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें एक महिला मेंटर अपने आप को नास्तिक बता रही है। साथ ही स्टूडेंट्स से कह रही है कि पूजा पाठ अंधविश्वास है। वीडियो में वह पुरुषों के साथ ही मंदिर और देवी-देवताओं पर भी टिप्पणी कर रही हैं। स्टूडेंट्स ने इस पर आपत्ति जताते हुए यूनिवर्सिटी से शिकायत भी की थी।

विवि में बिहेयर क्लब का गठन कर स्टूडेंट्स को जोड़ा गया है।
विवि में बिहेयर क्लब का गठन कर स्टूडेंट्स को जोड़ा गया है।

बस्तर के शहीद महेंद्र कर्मा यूनिवर्सिटी में भी है क्लब
छतीसगढ़ में यूनिसेफ के सहयोग से दो जगहों पर बिहेवियर क्लब संचालित है। इसमें पहला गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी और दूसरा बस्तर के शहीद महेंद्र कर्मा यूनिवर्सिटी भी शामिल है। अब इस विवादित वीडियो के वायरल होने के बाद बिहेवियर क्लब का विरोध भी होने लगा है। छात्रों ने इस पर बैन लगाने की मांग की थी, जिसके बाद यूनिवर्सिटी ने कार्रवाई की है।

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