सारंगढ़ गोमर्डा बरमकेला के जंगलों में दिखा टाइगर:बाघ ने गाय को बनाया अपना शिकार, मांस खाने रोज आ रहा, CCTV में तस्वीर हुई कैद
सारंगढ़ गोमर्डा अभ्यारण में हाथी के बाद अब रॉयल बंगाल टाइगर के द्वारा मवेशी के शिकार की जानकारी मिली है। वन परिक्षेत्र बरमकेला के तहत झिंकीपाली सर्किल के दानीघाटी जंगल के पास सारंगढ़ समान्य रेंज में किसान के दूधारू गाय को बाघ ने हमला करके शिकार किया। बाघ उसके मांस को खाने के लिए रोज आ रहा है।
जानकारी के मुताबिक टाइगर द्वारा शिकार करने की घटना गुरुवार 7 दिसंबर की दोपहर 3.30 बजे की है। बताया जा रहा है कि गुरुवार को ग्राम दानीघाटी का चरवाहा बुंदराम चौहान गाय, बछड़े, बैल आदि मवेशियों को जंगल से चराकर वापस आ रहा था। इसी दौरान जंगल के नीचे कुधरी खार मौहा पेड़ के नीचे बाघ आया और एक दूधारू गाय पर हमला कर दिया।
सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई तस्वीर
शिकार हुआ गाय दानीघाटी निवासी कृपाराम पटेल का है। सूचना के बाद दूसरे दिन वन विभाग की टीम पहुंची और शिकार किए गए गाय के पास सीसीटीवी कैमरे लगाया गया। इसमें बाघ की तस्वीर कैद हुई है और उस गाय की मांस को खाने बाघ रोजाना पहुंच रहा है। रविवार को उस गाय को बाघ ने घसीटते हुए 50 मीटर दूर जंगल अंदर तरफ ले गया है।
स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स कर रहा निगरानी
रॉयल बंगाल टाइगर की मौजूदगी से वन विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। वन विभाग ने दानीघाटी सहित आसपास में जंगल के तरफ न जाने को लेकर मुनादी करा दी है। जिसके बाद से दानीघाटी गांव में शाम पांच बजे के बाद लोगों ने जाना बंद कर दिया है। वन अमले में एसटीपीएफ (STPF) “स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स” उड़ीसा वन अमला जिसमें लगभग पांच आदमियों का दल है, निरंतर समय-समय पर वन परिक्षेत्र में टाइगर मोमेंट की निगरानी व ट्रैकिंग कर रहे हैं।
जिले के गोमर्डा अभ्यारण बरमकेला के पैकीन, झिकिपाली वन परिक्षेत्र में रॉयल बंगाल टाइगर के देखे जाने और मवेशी के शिकार करने के तथ्य मिले हैं। उड़ीसा अभ्यारण ढेबरूडीह वन परिक्षेत्र गोमर्डा अभ्यारण बरमकेला से लगा हुआ है, जहां जंगली जानवरों का आवाजाही लगा रहता है।
ओडिशा के सांभरदरहा जंगल से आया टाइगर
रॉयल बंगाल टाइगर के बारे में ओडिशा के फारेस्ट टीम को जानकारी दी गई। बताया जा रहा है कि बाघ सीमावर्ती सांभरदरहा ( बारहपहाड ) जंगल से पार होकर झिंकीपाली सर्किल में घुस आया है।उड़ीसा अभ्यारण ढेबरूडीह से टाइगर आया है। सारंगढ़ राजा मचान तो बरमकेला जंगल में भी टाइगर के पद चिन्ह मिले हैं।
शनिवार 9 दिसंबर की शाम को जानवर की ट्रैकिंग के लिए ओडिशा की सीएफएफएस, आरसीएफ, डीएफओ की टीम ने पैंकिन वन बेरियर पर क्षेत्र के वन अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली। जिसमें बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने की चर्चा हुई है।
वन विभाग ने जंगल में आवाजाही करा दी थी बंद
सारंगढ़ गोमर्डा अभ्यारण अपने विशालकाय घने वन परिक्षेत्र को लेकर अपनी एक अलग पहचान रखता है। इससे पहले साल 2018 में टाइगर के द्वारा नीलगाय का शिकार और अब उसके बाद 2023 में टाइगर ने मवेशी का शिकार किया है। बीते तीन-चार सालों में वन विभाग ने जंगलों को बंद करा ग्रामीण और सामान्य जन के आने-जाने में रोक लगा दी थी।
अभ्यारण में वन्य जीव की सुरक्षा, चारा और अन्य सुविधाओं को लेकर आवश्यक कार्य किए गए हैं। वहीं गोमर्डा वन परिक्षेत्र में कई वन्य जीव सांभर, कोटरी, नीलगाय, चीतल की संख्या में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते टाइगर जैसे वन्य जीव चारागाह की दृष्टि से इन क्षेत्रों में आवाजाही कर रहे हैं।
वन विभाग पूरी तरह से अलर्ट
सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला वन मंडल अधिकारी गणेश यू आर का कहना है कि वन मंडल अधिकारी से चर्चा करने पर उन्होंने जानकारी दी कि मवेशी के शिकार की घटना के बाद टाइगर के वापसी के संकेत हैं। गांव वालों को मुनादी कर सतर्क किया गया है। वन विभाग पूरी तरह से अलर्ट है।