धान खरीदी को दो महीने बीते, उठाव नहीं होने से खुले में पड़ा है 3 लाख क्विंटल धान
सारंगढ़ जिले के 84 धान खरीदी केंद्रों में अभी भी 3 लाख क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे पड़ा है। जो कड़ी धूप में सूखने व बोरे फटने से बर्बाद होने की कगार पर है। जिले में धान खरीदी 4 फरवरी को समाप्त हो चुकी है, लेकिन उठाव की सुस्त होने के कारण संचालकों की परेशानी बढ़ गई है। दरअसल खरीदी समाप्त हुए लगभग 2 महीने बीत चुका है, इसके बावजूद अभी भी लगभग 3 लाख क्विंटल धान विभिन्न उपार्जन केंद्रों में खुले आसमान के नीचे जमा है।
मार्च से गर्मी का प्रकोप प्रारम्भ हुआ, जो अप्रैल आते-आते भीषण गर्मी का असर समूचे सारंगढ़- बिलाईगढ़ अंचल में देखा जा रहा है। धूप और गर्मी के पिछले दो दिन शाम के समय मौसम में बदलाव देखा जा रहा है। इधर मौसम विज्ञान केन्द्र ने आगामी 6 अप्रैल को बारिश होने का अंदेशा जताया है। खुले आसमान के नीचे हजारों थप्पियों में रखा धान पर सूखत की मार पड़ने से उपार्जन केंद्र प्रभारियों की चिंता बढ़ गई है।
जिले में कहां कितना धान जाम जिला में भेडवन लगभग 2200 क्विंटल, उलखर 4000 क्विंटल, छिन्द 87 लिमगांव 88 क्विं., कोसीर छोटे दानसरा, सालर मल्दा सरसीवां बरमकेला, कोसीर नवरंगपुर खैरहा आदि 84 खरीदी केंद्रों में तीन लाख धान सभी जिलों विभिन्न उपार्जन केंद्रों में जाम है।
10 दिन के भीतर हो जाएगा धान का उठाव ^जिले में 3 लाख क्विंटल धान समितियों जाम है। जिसका डीओ कट गया है। आने वाले से 10 दिन के भीतर जिन समितियों में उठाव कर लिया जाएगा। मनोज यादप, डीएमओ, सारंगढ़
15 मार्च तक उठाव का लक्ष्य रखा गया था पिछले महीने अधिकारियों ने कहा था कि 15 मार्च तक धान खरीदी केंद्रों से उठाव करा लेंगे। उन्हांेने प्रतिदिन सभी खरीदी केंद्रों में उठाव का दावा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अब मार्च के बाद अप्रैल की तेज धूप में भी खुले आसमान के नीचे लाखों क्विंटल धान पड़ा है, जो समिति प्रबंधकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।