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मथुरा ईदगाह सर्वे रोकने से SC का इनकार:मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह के सर्वे का आदेश दिया था

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह के कमिश्ननर सर्वे पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर सर्वे से दिक्कत है तो प्रॉपर तरीका अपनाएं। इसके बाद सुनवाई पर विचार किया जाएगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को विवादित स्थल का कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। शाही ईदगाह मस्जिद और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने वर्चुअली इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसमें कमिश्नर सर्वे और हाईकोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए कहा कि कार्रवाई को चलने दें।

शुक्रवार को शाही ईदगाह विवाद मामले के सभी केस की ट्रांसफर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। हिंदू पक्ष के एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, शाही ईदगाह कमेटी ने हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए गए सभी केस को मथुरा कोर्ट में सुनवाई करने की मांग की है। उसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इसी बीच, मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के आदेश को मेंशन करते हुए सर दि

ईदगाह मस्जिद साल 1670 में औरगंजेब ने बनवाई थी। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि मस्जिद को श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर बनाया गया है।

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह के कमिश्ननर सर्वे पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर सर्वे से दिक्कत है तो प्रॉपर तरीका अपनाएं। इसके बाद सुनवाई पर विचार किया जाएगा।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को विवादित स्थल का कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया था। शाही ईदगाह मस्जिद और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने वर्चुअली इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसमें कमिश्नर सर्वे और हाईकोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए कहा कि कार्रवाई को चलने दें।

शुक्रवार को शाही ईदगाह विवाद मामले के सभी केस की ट्रांसफर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। हिंदू पक्ष के एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह के मुताबिक, शाही ईदगाह कमेटी ने हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए गए सभी केस को मथुरा कोर्ट में सुनवाई करने की मांग की है। उसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इसी बीच, मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के आदेश को मेंशन करते हुए सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि 1968 का यह समझौता धोखाधड़ी से किया गया था और कानूनी रूप से वैध नहीं है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह की 13.37 एकड़ विवादित जमीन
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार करते हुए ईदगाह सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया था। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। 16 नवंबर को इस अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह के 13.37 एकड़ विवादित जमीन का कोर्ट कमिश्नर सर्वे करेंगे। यह सर्वे वाराणसी की ज्ञानवापी में मई 2021 में हुए कमिश्नर सर्वे की तरह होगा। इसमें कोर्ट कमिश्नर की टीम वहां जाकर सबूत जुटाएगी और कोर्ट को रिपोर्ट देगी। सर्वे का तरीका क्या होगा? टीम में कौन-कौन होंगे? कब सर्वे करेंगे? ये सब 18 दिसंबर को हाईकोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई में तय होगा।

सर्वे के आदेश के बाद हिंदू और मुस्लिम पक्ष का क्या कहना है, आगे जानते हैं…
हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद में मंदिर होने के प्रमाण मौजूद हैं, जो सर्वे होने के बाद सामने आ जाएंगे। वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वहां इस तरह के कोई चिह्न या सबूत मौजूद नहीं हैं। पहले भी वहां ऐसा कुछ नहीं था।

लगाने की मांग की थी।

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