आधुनिक सुरक्षा पहनावे में दिखा ग्रामीण चरवाहा: खेती और सड़क निर्माण के लिए पेश किया प्रेरणादायक उदाहरण
सारंगढ़ बिलाईगढ़/सरसीवा के निवासी शिवलाल साहू,ग्रामीण क्षेत्र के एक चरवाहे ने आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल कर खेती और सड़क डामरीकरण जैसे जोखिम भरे कार्यों में नया आदर्श स्थापित किया है। सर्प, बिच्छू और अन्य जहरीले जीवों से बचाव के लिए वह ड्रम जूते, छाता और लाठी का कुशलतापूर्वक उपयोग कर रहा है, जिससे वह न केवल खुद को सुरक्षित रखता है, बल्कि अन्य ग्रामीणों के लिए भी एक प्रेरणास्रोत बन चुका है।
ड्रम जूता खेतों और निर्माण स्थलों पर पैरों की सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। ये जूते मजबूत और मोटे होते हैं, जो पैरों को कांटे, कीचड़ और सर्प-बिच्छुओं जैसे जहरीले जीवों से बचाते हैं। कठिन और खुरदरी सतहों पर भी इन जूतों की पकड़ मजबूत रहती है, जिससे कामकाजी लोगों को सुरक्षा मिलती है।
छाता सिर्फ धूप या बारिश से बचाने के लिए नहीं, बल्कि खेतों में काम के दौरान पर्यावरणीय जोखिमों से सुरक्षा के लिए भी उपयोगी है। तेज धूप, बारिश और हल्की ओस से बचाव करते हुए यह खेतों में लंबे समय तक काम करने में मददगार साबित होता है।
लाठी जो चरवाहे के साथ एक पारंपरिक उपकरण है, खेतों में सर्प, बिच्छू या अन्य खतरनाक जीवों को दूर रखने में कारगर है। इसके अलावा, यह चलते समय संतुलन बनाए रखने और कठिन रास्तों पर सहारा देने में भी उपयोगी होती है।
यह चरवाहा, जो सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रतीक बन गया है, अब अपने गांव और आसपास के क्षेत्रों में आधुनिक सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है।