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आर्थिक तंगी से जूझ रहा सतनामी समाज का युवक उमेश बंजारे, सरकारी मदद की आस

मिथलेश वर्मा/बलौदा बाजार – भाटापारा जिले के कसडोल विधानसभा के ग्राम घुलघुल निवासी उमेश बंजारे, जोकि एक कुशल राजमिस्त्री हैं, अपनी आर्थिक तंगी के कारण पिछले दो वर्षों से जिला कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। उमेश ने अब तक कई घरों और बिल्डिंगों का निर्माण किया है, और उनकी कारीगिरी की शहर में काफी प्रशंसा भी की जाती है लेकिन धन की कमी के कारण वे बड़े प्रोजेक्ट नहीं ले पा रहे हैं।

उमेश का कहना है कि उन्हें शासन की योजनाओं के तहत लोन प्राप्त करने की आवश्यकता है, जिससे वे मशीनरी व आवश्यक सामग्री खरीदकर अपने व्यापार को आगे बढ़ा सकें। उमेश बंजारे पिछले दो साल से जिला कलेक्टर कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं हालांकि, पिछले दो वर्षों में चार कलेक्टर बदल चुके हैं, और हर कलेक्टर से उन्होंने अपनी समस्या रखी है, पर अभी तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है।

उमेश के परिवार की स्थिति बेहद खराब है। उनके वृद्ध पिता लकवाग्रस्त हैं, और घर की आर्थिक स्थिति दयनीय है। उमेश का कहना है, “मैं पिछले दो वर्षों से जिला कलेक्टर कार्यालय जाकर सहयोग की गुहार लगा रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि शासन-प्रशासन से मुझे सहयोग मिलेगा ताकि मैं अपने व्यापार को बढ़ाकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सकूं और अपने पिता का इलाज करवा सकूं।”

ज्ञात हो कि शासन द्वारा गरीबों और कुशल युवाओं के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। फिर भी, उमेश बंजारे जैसे कुशल कारीगरों को इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उमेश की कहानी न केवल प्रशासन की उदासीनता को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि योजनाओं के सही क्रियान्वयन में अभी भी कितनी कमियां हैं।

उमेश बंजारे ने प्रशासन से अपील की है कि उनके आवेदन पर शीघ्रता से कार्रवाई की जाए और उन्हें लोन प्राप्त करने में सहयोग प्रदान किया जाए। उमेश को शासन-प्रशासन से पूरी उम्मीद है

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