एक्शन में अमित शाह: कश्मीर के बाद मणिपुर हिंसा पर हाई लेवल बैठक
दिल्ली/केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर आज शाम चार बजे एक हाई लेवल बैठक बुलाई है। इस बैठक में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन वीरेंद्र सिंह, राज्य के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी, और केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक से पहले मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी अमित शाह से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि एक दिन पहले (16 जून, सोमवार) को जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों को लेकर भी अमित शाह ने एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। इस बैठक में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, और अगले सेना प्रमुख के तौर पर नामित लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी शामिल हुए थे। इस बैठक में आतंकियों के खिलाफ सख्त रणनीति तैयार की गई थी।
मणिपुर पिछले एक साल से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। 3 मई को बहुसंख्यक मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया था, जिससे हिंसा भड़क उठी। इस हिंसा में कुकी और मैतेई दोनों समुदायों के 220 से अधिक लोग और सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं। मणिपुर में मैतेई समुदाय की संख्या करीब 53 फीसदी है, जो इंफाल घाटी में निवास करते हैं, जबकि आदिवासी समुदाय, जिसमें नागा और कुकी जातियां शामिल हैं, की संख्या करीब 40 फीसदी है और वे मुख्य रूप से पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी मणिपुर की हिंसा पर चिंता जताई है। 10 जून को नागपुर में संघ की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मणिपुर पिछले एक साल से शांति का इंतजार कर रहा है। दस साल पहले वहां शांति थी और बंदूक संस्कृति समाप्त होती नजर आ रही थी, लेकिन अचानक हिंसा भड़क उठी। भागवत ने कहा कि मणिपुर की स्थिति पर प्राथमिकता के साथ विचार करना होगा और राष्ट्र के सामने मौजूद समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि राज्य में शांति वापस लाई जा सके।