सुरेश सिंह वैस/बिलासपुर। शायद कुछ लोगों को लगता है कि एटीएम मशीन सरकारी है, और वो सबके लिए पैसे उगलती है। इसलिए उस पैसे पर उनका हक है और वह जैसे चाहे वैसे उस एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं। ऐसी ही सोच रखने वाला राजस्थान का बहादुर चौकीदार शहर के एटीएम मशीन के शटर को जामकर औरों के पैसे पर डाका डाल रहा था।दरअसल शहर में एसबीआई के एटीएम की देखरेख ट्रांजैक्शन सॉल्यूशन इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करती है, जिसे कॉल सेंटर से सूचना मिली कि उनके व्यापार विहार स्थित एटीएम से पैसे नहीं निकल रहे हैं। जब टीम ने एटीएम पहुंचकर जांच की तो देखा कि एटीएम मशीन का शटर डैमेज है। शक होने पर उन्होंने एटीएम में लगे सीसीटीवी के फुटेज को देखा तो पाया कि एक व्यक्ति एटीएम के शटर बॉक्स में लगे शटर को स्क्रू ड्राइवर से उठाकर उसमें एक पट्टी फंसाता है, जिसके कारण ही जब भी कोई व्यक्ति रुपए निकालने आता था तो उसके रुपए निकलते नहीं थे। और वह यह सोचकर लौट जाता था कि एटीएम में पैसे नहीं है। इसके बाद वही व्यक्ति वापस आता था और उन रूपयो को निकाल लेता था।ऐसा केवल व्यापार विहार के एटीएम में नहीं हुआ बल्कि सत्यम चौक लिंक रोड और गोल बाजार के एटीएम में भी इसी तरह की घटना सामने आई, जिसकी शिकायत तारबाहर थाने में की गई। पुलिस ने भी एटीएम में लगे सीसीटीवी में दिख रहे शख्स की तलाश शुरू की। पुलिस को शक था कि वह बाहर भागने की कोशिश करेगा। पुलिस का शक सही साबित हुआ। आरोपी पीलवा डीडवाना राजस्थान निवासी 35 वर्षीय बहादुर चौकीदार रेलवे स्टेशन में ट्रेन का इंतजार करते मिल गया। पुलिस अगर कुछ और देर लगाती तो वह ट्रेन पकड़कर किसी और शहर में भाग जाता।पकड़े जाने पर बहादुर चौकीदार ने बताया कि वह तो साल 2015 से ही अपने कुछ दोस्तों के साथ राजस्थान में एटीएम मशीन को तोड़कर रुपए निकालने का काम करता था। इसी कारण उसे तीन साल जेल की सजा भी हुई। जेल से बाहर निकालने के बाद उसने फिर से यही काम शुरू किया और 2020 में वापस पकड़ा गया। एक साल जेल में रहने के दौरान उसने एक व्यक्ति से पट्टी फंसा कर एटीएम से पैसा निकालने का हुनर सीख लिया। इसके बाद वह अकेले ही यह काम करने लगा।बहादुर चौकीदार किसी भी अनजान शहर में ट्रेन से पहुंचता। वह इस बात का ख्याल जरूर रखता कि ट्रेन का सफर पूरी रात का हो ताकि उसे सुबह उस शहर में पहुंचने पर किसी होटल में ना ठहरना पड़े। दिनभर अपने मकसद को अंजाम देकर शाम होने के बाद वह चुपचाप उस शहर को छोड़ देता, जिसके कारण उसकी पहचान गुप्त रहती।शहर में भी वह जबलपुर होते हुए 21 जुलाई को पहुंचा था। वह पहली बार ही शहर आया था, जहां एसबीआई एटीएम में पट्टी फंसाने के दौरान वह पकड़ा गया। पता चला कि शहर के अलग-अलग एटीएम से उसने 40 हजार 500 रु हासिल किए थे। जिसमें से कुछ पैसे तो एटीएम में ही फंसे रह गए और कुछ पैसे उसने खर्च कर दिए, इसलिए पुलिस उसके पास से 33,000 रु ही बरामद कर पाई। साथ ही उसके पास से स्कू ड्राइवर और 2 पट्टी भी मिली है जिसे वह फंसा कर अपना मकसद पूरा करता था । अगर वह पकड़ा नहीं जाता तो फिर किसी और शहर में जाकर यही काम करता। फिलहाल पुलिस उसे पकड़ कर उसके खिलाफ आगे के कानूनी कार्रवाई कर रही है।
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