छत्तीसगढ़सारंगढ़ बिलाईगढ़

कलेक्टर श्री चौहान के निर्देश पर स्कूलों में हुए स्वास्थ्य जांच और चर्चा-परिचर्चा


सारंगढ़ बिलाईगढ़, 20 फरवरी 2024/ कलेक्टर श्री के.एल. चौहान द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य का चेकअप के निर्देश स्वास्थ्य विभागो को दिए गए थे। जिसके पालन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री एफ.आर. निराला की अगुवाई में स्वास्थ्य सम्बंधित चर्चा परिचर्चा सारंगढ़ विकासखंड के शासकीय हाईस्कूल मल्दा (अ), व शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल कपरतुंगा में किया गया। इस अवसर पर डॉ निराला ने स्वास्थ्य विभाग के समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी दिए। बच्चों को रक्ताल्पता से सम्बंधित होने वाली समस्या के बारे में अवगत कराया गया, जिसमें बच्चों को हमेशा कमजोरी, चक्कर, सिर दर्द, याददाश्त में कमी,होना। इसके लिए सभी स्कूलों में साप्ताहिक गोलियां खिलाई जाती हैं, जिसे सभी बच्चों व शिक्षको को नियमित खाने की सलाह दी गई। इसी तरह सिकलसेल बीमारी के लक्षण , समस्या व निवारण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। जन्म से 40 वर्ष तक के सभी लोगों को सिकल सेल बीमारी की जांच किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं के द्वारा ऑनलाइन भी लगातार अपडेट किया जा रहा है। अभी तक सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में लगभग 1 लाख से अधिक लोगों की सिकलसेल जांच की जा चुकी है। खुले में शौच मुक्त ग्राम के बारे में भी बताया गया। इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी गहन चर्चा किया गया। स्कूलों में किचन गार्डन की व्यवस्था पर जोर दिया गया। अगले जुलाई माह से सभी लोगों को अपने आसपास, स्कूलों व घरों में मूनगा, केला व पपीता के पौधे रोपने के बारे में तथा इनसे होने वाले फायदे के बारे में वर्णन किया गया। अपने शरीर मे हीमोग्लोबिन की मात्रा को बराबर बनाये रखने हेतु सावधानी बरतने के निर्देश व रास्ते बताए गए। आई डी ए ( आइवरमेकटिन, एल्बेंडाजोल) गोली खाने खिलाने के बारे में बताई गई। आँखों से सम्बंधित दृष्टि दोष के बारे में जानकारी दी गयी। जो बच्चे नही देख पाते, आँखों मे आंसु आना, सिर दर्द हो रहा है ऐसे बच्चों का तत्काल जांच व पहचान के लिए उपस्थित सभी शिक्षकों को सलाह दिया गया कि अपने नजदीकी अस्पताल के नेत्र सहायक अधिकारी के सहयोग से आंखों का जांच कराना सुनिश्चित करें जिससे आसानी से इस प्रकार के बच्चों का चिन्हांकन व ईलाज होगा। पढ़ाई के दौरान पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो, रोशनी सही से पीछे तरफ से आये ऐसी व्यवस्था करें। शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर के बारे में चर्चा करते हुए, तम्बाकू फ्री एजुकेशन, सिकलसेल, चिरायु कार्यक्रम, शिशु संरक्षण माह, आयुष्मान कार्ड, टीकाकरण अभियान, किशोरी शिक्षा के बारे में, विफ्स प्रोग्राम, रक्ताल्पता व साथ ही सभी स्कूलों में स्वास्थ्य शिक्षा के लिए एक नोडल अधिकारी टीचर बनाने के लिए सलाह दिया गया। बेटियों को माहवारी से सम्बंधित स्वास्थ्य शिक्षा, पूरक पोषण आहार, खान पान के तौर तरीके, सर्वाइकल कैंसर, पी आई डी के लक्षण व बचाव के तरीके उपस्थित मैडम लोगो के समक्ष बताए गए। इस कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एफ आर निराला, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक श्री एन. एल. इजारदार, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) के जिला नोडल अधिकारी डॉ. प्रभुदयाल खरे, तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. इंदु सोनवानी, चिरायु के डॉ. बबिता पटेल ने स्वास्थ्य शिक्षा इन दोनों स्कूलों में उपस्थित समस्त बच्चों, शिक्षकों व संकुल समन्वयकों को दी।

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