प्रधानमंत्री मोदी का उत्सव उपहार बना रिकॉर्ड तोड़ नवरात्रि बिक्री का कारण — ऐतिहासिक दिवाली की तैयारी में झूम उठा देश
नई दिल्ली। इस बार देशवासियों को दिवाली से पहले ही एक बड़ा तोहफा मिला है — पैकिंग में नहीं, नीति में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में की गई जीएसटी दरों में कटौती ने पूरे देश में खरीदारी का जबरदस्त माहौल बना दिया है। नवरात्रि का पर्व उपभोग और उत्साह के अब तक के सबसे बड़े दौर में तब्दील हो गया है। आवश्यक और उपभोक्ता वस्तुओं पर घटे करों से घरों के बजट को राहत मिली है, बाजारों में रौनक लौटी है और अर्थव्यवस्था में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
आठ वर्षों में सबसे निचले स्तर पर पहुंची मुद्रास्फीति (CPI 1.54%) और खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट (-2.3%) ने परिवारों को खुलकर त्योहार मनाने की आर्थिक आज़ादी दी है। कीमतों में गिरावट और क्रय शक्ति में बढ़ोतरी ने त्योहारी सीजन को एक आर्थिक उत्सव में बदल दिया है।
उपभोग और विश्वास का पर्व
जीएसटी कटौती का सही समय — ठीक त्योहार और शादी के मौसम से पहले — देश में उपभोक्ता भावना को नई ऊंचाई पर ले गया है।
- त्योहारी और वैवाहिक कारोबार ₹7 लाख करोड़ के पार पहुंचने का अनुमान है।
- डिजिटल भुगतान एक ही रात में ₹1.18 लाख करोड़ से बढ़कर ₹11.31 लाख करोड़ हो गए।
- दिल्ली में त्योहारी बिक्री का अनुमान ₹75,000 करोड़ से अधिक है, जबकि अहमदाबाद में ₹2,500 से कम मूल्य वाले परिधानों की मांग 10% बढ़ी है।
सरकार के आर्थिक फैसलों ने न केवल लागत घटाई है बल्कि ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों की मांग बढ़ाकर स्थानीय सप्लाई चेन को भी सशक्त किया है।
ऑटो सेक्टर में दशकों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
भारत के ऑटो उद्योग ने इस नवरात्रि में 10 वर्षों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दर्ज किया।
- मारुति सुजुकी ने आठ दिनों में 1.65 लाख कारें बेचीं, जिसमें अष्टमी के दिन 30,000 वाहन बिक्री का 35 साल का रिकॉर्ड बना।
- महिंद्रा एंड महिंद्रा के SUV सेल्स में 60% की वृद्धि दर्ज की गई।
- टाटा मोटर्स ने 50,000 से अधिक वाहन बेचे, जबकि ह्युंडई की SUV सेल्स (क्रेटा और वेन्यू) उसके कुल बिक्री का 72% हिस्सा रही।
- हीरो मोटोकॉर्प और बजाज ऑटो के शोरूम में भीड़ दोगुनी रही।
FADA के अनुसार, इस वर्ष नवरात्रि में ऑटो बिक्री में 34% की वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर्ज की गई — जो अब तक की सर्वाधिक है। विशेषज्ञ इसे जीएसटी सुधारों और उपभोक्ता विश्वास का प्रत्यक्ष परिणाम मान रहे हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स बाज़ार में जबरदस्त उछाल
जीएसटी कटौती का असर उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर भी देखने को मिला — टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसी वस्तुओं की बिक्री में 40–45% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
- हायर ने 85% ग्रोथ दर्ज की,
- रिलायंस रिटेल, विजय सेल्स, एलजी, और गॉदरेज ने भी डबल-डिजिट ग्रोथ दर्ज की।
ओणम से लेकर नवरात्रि तक भारत की कुल खुदरा खपत का 40–45% हिस्सा अब त्योहारी बिक्री से आता है।
ई-कॉमर्स में ऐतिहासिक उछाल
ऑनलाइन मार्केटप्लेस भी इस बार त्योहारी खरीदारी के सबसे बड़े मंच बनकर उभरे हैं।
- अमेज़न इंडिया पर 276 करोड़ ग्राहक विज़िट्स दर्ज हुईं, जिनमें से 70% टियर-2 और 3 शहरों से थीं।
- मीशो ने 206 करोड़ विज़िट्स और 117 मिलियन घंटे की शॉपिंग केवल दशहरा सप्ताह में दर्ज की।
डिजिटल इंडिया, यूपीआई और पारदर्शी जीएसटी ढांचे ने इस उपभोग लहर को गांवों से लेकर शहरों तक पहुंचा दिया है।
बाजारों में भी छाई दिवाली की चमक
शेयर बाजार में भी त्योहारी जोश झलक रहा है। निफ्टी 50 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 25,709 पर पहुंच गया, जबकि विदेशी निवेश और मज़बूत रुपया इस रफ्तार को और बढ़ा रहे हैं।
नीति का उपहार जिसने जगमगाया भारत
प्रधानमंत्री मोदी सरकार ने जीएसटी दरों में कटौती कर केवल कर नहीं घटाया, बल्कि जनभावना को प्रज्वलित किया है। सही समय पर लिया गया यह निर्णय हर भारतीय को अधिक बचत, अधिक विकल्प और ‘मेक इन इंडिया’ पर अधिक गर्व का अवसर दे रहा है।
इस त्योहारी मौसम का संदेश साफ है —
“भारत की अर्थव्यवस्था अब दिवाली के दीयों से भी अधिक उज्जवल है।”
ऑटो से लेकर ई-कॉमर्स तक, कारीगर से लेकर उद्यमी तक — देश इस बार केवल त्योहार नहीं, बल्कि आर्थिक आत्मविश्वास और नीति सुधारों की सफलता मना रहा है।