छत्तीसगढ़कोरबापाली

“विकास राशि का गबन: कुटेशर नगोई सरपंच और सचिव की स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर गड़बड़ी, 14वें वित्त के फंड का बड़े पैमाने पर घोटाला”

“घटिया स्ट्रीट लाइट महीनों बाद भी नहीं जलीं: अनदेखी और लापरवाही की तस्वीर”


कमल महंत/कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा:- शासन की योजनाओं में पैतरेबाजी करके शासन का पैसा कैसे निकाल लिया जाता है, इसका उदाहरण ग्राम पंचायत कुटेशर नगोई में देखने को मिला, जहां ऑनलाइन माध्यम से फर्जी बिल लगाकर अनेकों भुगतान लेने वाले सरपंच- सचिव ने गांव में गिनती भर और घटिया किस्म के स्ट्रीट लाइट की आड़ में सवा लाख रुपए की राशि 14वें वित्त से आहरण कर अधिकतर राशि का बंदरबांट कर लिया।

जिले के पोड़ी- उपरोड़ा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कुटेशर नगोई की जनता ने वर्तमान सरपंच पर यह भरोसा कर अपना मत दिया कि गांव का विकास पारदर्शिता रूप से व बिना भेदभाव के हो सकेगा। किन्तु सरपंच ने सचिव के साथ मिलकर ग्राम का विकास कम और अपना विकास ज्यादा किया तथा उप स्वास्थ्य केंद्र मरम्मत, सचिव आवास रंगाई- पोताई व मरम्मत, पहुँचमार्ग मुरुमीकरण, पेयजल व्यवस्था, पुलिया, पचरी निर्माण के नाम पर शासन द्वारा जारी पंचायत निधि के लाखों रुपयों का बेखौफ रूप से जमकर घालमेल किया। इस पंचायत के अधीन गांव के गली- मोहल्लों के विद्युत खंभो में पंचायत की ओर से 24 वाल्ट के लगभग 90 से अधिक स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर सवा लाख की राशि आहरण की गई है, किन्तु वास्तविकता यह है कि गांव में गिनती के स्ट्रीट लाइट लगाया गया है वह भी बेहद ही घटिया क्वालिटी का होने के कारण महीने भर बाद ढंग से जले ही नही और सब बंद पड़े है। सरपंच- सचिव की मिलीभगत से बाउचर तिथि 30 सितंबर 2020 की स्थिति में 2 किस्तों में 37,500 के रूप में 75 हजार व 30 जनवरी 2022 की बाउचर तिथि में 49 हजार, कुल राशि 1 लाख 24 हजार रुपए स्ट्रीट लाइट के नाम पर 14वें वित्त आयोग मद से निकाली गई, लेकिन खानापूर्ति कर अधिकतर राशि का वारा- न्यारा किया गया है। ऑनलाइन सिस्टम में सरपंच- सचिव द्वारा किस तरह से गोलमाल करके विकास के लिए आयी राशि पर भ्रष्ट्राचार किया गया, जिसे लेकर इस ग्राम के निवासियों का कहना है कि उनके यहां खंभों में गिनती भर के एवं सस्ते व घटिया किस्म के स्ट्रीट लाइट पंचायत की ओर से लगाई गई। जिनकी खरीदी राशि अधिकतम 20- 30 हजार से ज्यादा नही आयी होगी, जो महीने भर ही ढंग से जल पाए और ज्यादातर स्ट्रीट लाइटें बंद हालत में पड़ी है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरपंच- सचिव अपनी मनमर्जी से पंचायत का संचालन कर रहे है तथा ग्राम विकास व ग्रामीण जनता के बुनियादी सुविधाओं हेतु पंचायत निधि में जारी राशि का जमकर दोहन कर रहे है। यहां आयोजित होने वाले ग्राम सभा मे भी जनता को किसी प्रकार के आय- व्यय की जानकारी नही दी जाती, न ही शासन द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया जाता है। ग्रामीणों ने पंचायत संचालन को लेकर सरपंच- सचिव के प्रति कड़ी नाराजगी जाहिर की है।

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