सुरेश सिंह बैस/बिलासपुर । राजनीतिक हलकों में कयास लगाए जा रहे हैं कि शीघ्र ही छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द हो सकता है। जहां तक इन नियुक्तियों में कोई आश्चर्यजनक नाम नहीं रहेंगे। नए मंत्रियों की नियुक्तियों में वही पुराने और अनुभवी चेहरों को ही वरियता दिए जाने की संकेत मिल रहे हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में रेणुका सिंह के अलावा और जिन सीनियर नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक भी शामिल हैं।
हां यह जरूर होगा कि क्षेत्रीय संतुलन की दृष्टि से एक-दो नये चेहरे लिए जा सकते हैं। बस्तर से अभी एकमात्र केदार कश्यप मंत्री हैं। प्रधानमंत्री विदेश दौरे से दिल्ली लौट आए हैं। अगले कुछ दिनों में इन चर्चाओं में और प्रगति देखने-सुनने मिल सकती है। इसी बीच मुख्यमंत्री का दिल्ली प्रवास का कार्यक्रम भी बन सकता है। मंत्रिमंडल विस्तार और सरकार के कामकाज की समीक्षा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की राय महत्वपूर्ण होगी। दिल्ली में छत्तीसगढ़ की जो रिपोर्ट है, उस पर भी मुख्यमंत्री की राय ली जाएगी और उसी के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार की आगे की रूपरेखा बनेगी। कल विधायक दल की बैठक में चल रहे कामकाज की अपने स्तर पर समीक्षा इसी का ही हिस्सा है।पिछले छह माह तक मंत्रिमंडल में मंत्री का एक पद खाली ही रह गया।दूसरे मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सांसद निर्वाचित होने के बाद मंत्री का एक और पद रिक्त हो रहा है। इसलिए मुख्यमंत्री जल्दी ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। इस समय सरकार छह माह के अपने कार्यकाल की समीक्षा में लगी हुई है। मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड भी देखा जा रहा है। सरकार के कामकाज पर दिल्ली की भी नजर है। समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री का दिल्ली प्रवास हो सकता है और वे सरकार के आगे के कामकाज पर नेताओं से परामर्श कर सकते हैं। विधानसभा चुनावों में बंपर जीत के साथ विष्णुदेव साय के नेतृत्व में भाजपा की छत्तीसगढ़ में सरकार बनी थी। कई चुनावी वादों को पूरा कर सरकार ने जनता का विश्वास जीतने की कोशिश भी की है। इस बीच लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई और शासन-प्रशासन चुनावों में व्यस्त हो गया। इन चुनावों में राज्य की ग्यारह लोकसभा सीटों में से दस सीटें जीतकर भाजपा ने जता दिया कि लोगों का भाजपा और उसकी सरकार पर विश्वास बढ़ा है। सत्ता और संगठन दोनों पर जनता के इस विश्वास को बनाए रखने ही नहीं, इसे और मजबूत बनाने के लिए जनकल्याण के कार्यक्रमों और नीतियों को आगे लेकर जाने की महती जिम्मेदारी है । अगले मंत्रिमंडल विस्तार में इस बात पर खास फोकस होगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सत्ता और संगठन में तालमेल बिठाकर चलने वाले राजनेता हैं। उनकी इस छवि का लाभ पार्टी को लोकसभा चुनावों में भी मिला है। इससे पार्टी के साथ ही देश में भी उनकी प्रतिष्ठा बढ़ी है। अब आगे उन्हें सरकार की लोक कल्याणकारी छवि की नई छाप छोड़नी है, जिसकी तैयारी में वे लगे हुए हैं। सरकार के छह माह के ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्रियों के दो रिक्त पदों के अलावा दो-तीन मौजूदा मंत्रियों की जगह नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इन चेहरों में पार्टी के सीनियर और अनुभवी नेता हो सकते हैं। इसका लाभ यह होगा कि प्रशासन पर सरकार की पकड़ मजबूत होगी और कामकाज में कसावट लाई जा सकेगी। मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भरतपुर-सोनहत सीट से विधायक रेणुका सिंह का नाम सबसे आगे है। मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल रहीं रेणुका सिंह को उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। राजस्थान की तरह उपमुख्यमंत्रियों में एक महिला का फार्मूला अपनाया जा सकता है। एवं महत्वपूर्ण विभागों के लिए अमर अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर का नाम राजनीतिक सूत्रों से छनकर आ रहा है।