सुरेश सिंह बैस -बिलासपुर। प्रदेश में बिजली की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु केंद्र सरकार व राज्य सरकार के संयुक्त पहल से सीपत में पन बिजली परियोजना की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हो गया है। ज्ञातव्य हो कि
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को शून्य (नेट ज़ीरो) करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही, 2030 तक देश की कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का 40 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में पंप स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देना और सौर ऊर्जा परियोजनाओं का विस्तार प्रमुख पहल हैं। केंद्र और राज्य सरकारें पंप स्टोरेज परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस प्रयास कर रही हैं।इसी क्रम में, जिंदल रिन्यूएबल पावर प्राइवेट लिमिटेड ने छत्तीसगढ़ सरकार के साथ 1200 मेगावाट की पंप स्टोरेज परियोजना के लिए समझौता किया है, जो सीपत क्षेत्र में स्थापित की जाएगी। यह परियोजना पूरी तरह से पर्यावरण- अनुकूल होगी, क्योंकि इसमें किसी भी खनिज का खनन नहीं किया जाएगा। वर्तमान में परियोजना प्रारंभिक चरण में है, और कंपनी ने आवश्यक अनुमतियों के लिए संबंधित विभागों में आवेदन किए हैं, जिनमें से कुछ अनुमतियां पहले ही प्रदान की जा चुकी हैं।यह परियोजना न केवल प्रदूषण मुक्त बिजली उत्पादन को बढ़ावा देगी, बल्कि भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को साकार करने में भी अहम भूमिका निभाएगी। हालांकि, पंपस्टोरेज परियोजना के संचालन शुरु होने के बाद इसका विस्तार संभव नहीं होगा।