सुरेश सिंह बैस -बिलासपुर। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएसई की एक विशेष टीम ने नगर का दौरा किया। और यहां के विभिन्न सीबीएसई स्कूलों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने शहर के मॉर्डन एजुकेशनल एकेडमी सहित अन्य स्कूलों में व्यवस्थाओं का जायजा लिया और दस्तावेजों की जांच की। यह दौरा सीबीएसई द्वारा डमी स्कूलों और फर्जी एडमिशन को लेकर मिल रही शिकायतों के चलते किया गया था।सीबीएसई को हाल के दिनों में विभिन्न स्कूलों में हो रही अनियमितताओं, जैसे डमी स्कूल संचालन और फर्जी एडमिशन, की कई शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए बोर्ड ने निरीक्षण अभियान शुरू किया है। टीम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी स्कूल सीबीएसई के दिशानिर्देशों का पालन करें और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें।
जांच का दायरा
निरीक्षण के दौरान सीबीएसई की टीम ने स्कूलों के अलग-अलग विभागों का बारीकी से परीक्षण किया। इनमें लाइब्रेरी, लैब्स, क्लासरूम, प्रशासनिक विभाग और अन्य बुनियादी सुविधाओं का मूल्यांकन शामिल था। टीम ने यह भी सुनिश्चित किया कि स्कूलों में जरूरी दस्तावेज और रिकॉर्ड सही और अपडेटेड हों।
शिकायतों की गंभीरता
डमी स्कूलों और फर्जी एडमिशन से संबंधित शिकायतें सीबीएसई के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं। कई स्कूल बिना मान्यता के सीबीएसई के नाम पर छात्रों को दाखिला दे रहे हैं। यह न केवल छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है, बल्कि सीबीएसई की साख पर भी सवाल उठाता है। ऐसे में सीबीएसई की टीम ने नगर के 5-6 स्कूलों का निरीक्षण कर स्थिति का आंकलन किया।
संभावित कार्रवाई
निरीक्षण के बाद, जिन स्कूलों में गड़बड़ी पाई जाएगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इनमें स्कूल की मान्यता रद्द करने, स्तर घटाने या भारी जुर्माना लगाने जैसी सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।सीबीएसई का यह कदम शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
सीबीएसई की सख्ती का संदेश
सीबीएसई का यह निरीक्षण अभियान यह स्पष्ट संदेश देता है कि शिक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कदम न केवल छात्रों और अभिभावकों को राहत देगा, बल्कि शिक्षा के प्रति स्कूलों की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित करेगा। सीबीएसई द्वारा किए गए इस तरह के औचक निरीक्षण शिक्षा प्रणाली को सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं।सीबीएसई द्वारा किए गए इस तरह के औचक निरीक्षण शिक्षा प्रणाली को सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक कदम हैं। बिलासपुर जैसे शहर में इन निरीक्षणों से शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि स्कूल ईमानदारी से अपने दायित्वों का पालन करें।