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प.बंगाल में पूर्व पति-पत्नी एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे:बिष्णुपुर सीट से भाजपा के सौमित्र खान के खिलाफ TMC ने सुजाता मंडल को उतारा

पश्चिम बंगाल के बिष्णुपुर लोकसभा सीट से पूर्व पति-पत्नी एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने रविवार को 42 सीटों पर कैंडिडेट्स का ऐलान किया। इसमें बिष्णुपुर से सुजाता मंडल को उम्मीदवार बनाया है। वहीं 2 मार्च को आई भाजपा की सूची में इसी सीट से सौमित्र खान को उतारा गया है। सौमित्र यहां से मौजूदा सांसद हैं।

सौमित्र और सुजाता के बीच 2021 में तलाक हो गया था। दोनों के अलग होने की कहानी भी राजनीतिक है। दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सुजाता मंडल अपने पति के साथ भाजपा में थीं, लेकिन फिर उन्होंने पार्टी छोड़ दी। इससे नाराज होकर सौमित्र ने कैमरे पर ऐलान किया था कि वे सुजाता से अलग हो रहे हैं।

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सौमित्र खान भी TMC में ही थे। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें बिष्णुपुर लोकसभा सीट से टिकट मिला था। वे चुनाव भी जीते थे। इसमें सुजाता ने उनके लिए कैंपेनिंग भी की थी। विधानसभा चुनाव 2021 में TMC ने सुजाता को आरामबाग से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे हार गई थीं।

TMC नेता सौगत रॉय और प्रवक्ता कुणाल घोष की मौजूदगी में सुजाता ने 21 दिसंबर 2020 को TMC जॉइन की थी।
TMC नेता सौगत रॉय और प्रवक्ता कुणाल घोष की मौजूदगी में सुजाता ने 21 दिसंबर 2020 को TMC जॉइन की थी।

सुजाता ने भाजपा की पॉलिटिक्स को डर्टी बताया था
सुजाता ने 21 दिसंबर 2020 को TMC के सीनियर लीडर और MP सौगत रॉय की मौजूदगी में पार्टी जॉइन की थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा की डर्टी पॉलिटिक्स की वजह से तृणमूल से जुड़ने का फैसला लिया है। भाजपा लुभावने सपने दिखाकर दूसरी पार्टियों के नेताओं को अपनी ओर खींच रही है। भाजपा की ओर से नेताओं को अच्छी पोस्ट देने और कुछ नेताओं को CM बनाने का वादा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा था कि भाजपा में उन लोगों का सम्मान नहीं हो रहा है, जो वाकई इसके लायक हैं। पश्चिम बंगाल को सिर्फ ममता बनर्जी ही विकास के रास्ते पर आगे ले जा सकती हैं। सिर्फ ममता ही राज्य को बांटने की राजनीति से बचा सकती हैं इसलिए मैं दीदी के साथ जुड़कर काफी खुश हूं।

सौमित्र ने बिष्णुपुर में कम्युनिस्टों का 43 साल का राज खत्म किया
सौमित्र खान फिलहाल बिष्णुपुर लोकसभा सीट से ही भाजपा सांसद हैं। इस सीट पर 1971 के बाद से लगातार कम्युनिस्ट पार्टी जीतती आ रही थी। 2014 में सौमित्र ने TMC की ओर से चुनाव लड़ा और जीता। 2019 में उन्होंने इसी सीट पर भाजपा की ओर से चुनाव लड़ा और फिर जीते। इस समय वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

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