सुरेश सिंह बैस/बिलासपुर। जमीन सीमांकन के लिए ढाई लाख रुपये रिश्वत मांगने और एक लाख रुपये लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा रंगे हाथ पकड़े जाने वाले आरआई संतोष कुमार देवांगन को निलंबित कर दिया गया है।विदित हो गत शुक्रवार को तहसील कार्यालय में रिश्वत लेते हुए संतोष देवांगन रंगे हाथ पकड़ा गया था। शिक्षक प्रवीण कुमार की तोरवा जे जे अस्पताल के पास जमीन है जिसे किसी बिल्डर ने उनकी जमीन दबा ली है जिसके सीमांकन के लिए उन्होंने अतिरिक्त तहसीलदार मुकेश देवांगन के यहां नियमानुसार आवेदन पेश किया । इस काम के लिए जूना बिलासपुर के आरआई संतोष कुमार देवांगन से सीमांकन के लिए संपर्क करने पर उसने ढाई लाख रुपए रिश्वत मांगी, जबकि यह उसकी जिम्मेदारी है। बार-बार बुलाने और परेशान करने के बाद प्रवीण कुमार थक हार कर एंटी करप्शन के पास चले गए। एसीबी की टीम ने मामले का सत्यापन कराया तो शिकायत सही पाई गई। फिर ट्रैप करने के लिए टीम का गठन किया गया। 12 लोगों की टीम सुबह 11:30 बजे से ही तहसील ऑफिस के लोक सेवा केंद्र के आसपास जुट गई। प्रवीण कुमार को बिल्डिंग के पार्किंग में आर आई को देने के लिए एक लाख रुपये दिए गए, जिन्होंने संतोष देवांगन को तहसील परिसर में ही ₹100000 की रिश्वत दी। तत्काल उन्हें धर दबोचा गया। शाम तक कार्रवाई चलती रही ।
प्रवीण कुमार ने शिकायत कर दी इसलिए संतोष देवांगन पकड़ा गया नहीं तो तहसील कार्यालय में सुबह से लेकर शाम तक केवल रिश्वत देने और लेने का ही काम चलता है। अगर यहां नियमित कार्यवाही की शुरुआत हुई तो एंटी करप्शन ब्यूरो को और कुछ करने की फुर्सत ही नहीं मिलेगी। सभी जानते हैं कि यहां सीमांकन, डायवर्सन, नामांतरण के मामले पेंडिंग रखे जाते हैं ताकि रिश्वत की कीमत बढ़ाई जा सके। अब इस मामले में संतोष देवांगन के एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद सिविल सेवा अधिनियम के तहत संतोष देवांगन को कार्य से निलंबित कर दिया गया है। निलंबन के दौरान संतोष देवांगन कलेक्टर भू अभिलेख शाखा मुख्यालय में अटैच रहेंगे।