सुरेश सिंह वैस/बिलासपुर। सेंट जेवियर्स ग्रुप के चार स्कूलों के फर्जी होने के दावे
ने जिला शिक्षा विभाग की नींदें उड़ा दी हैं। इन स्कूलों को पाक-साफ बताने के लिए प्रबंधन ने पूरी ताकत झोंक दी है। प्रबंधन जांच कमेटी से हर कीमत पर क्लिन चीट चाहता है, लेकिन शिकायतकर्ता भी पूरे दस्तावेज के साथ स्कूल प्रबंधन को बेनकाब करने के लिए अड़े हुए हैं। यही वजह है कि छह माह में स्कूल की जांच पूरी नहीं हो पाई है।बताया जा रहा है कि पालिटिकल प्रेशर में जिले के ओहदेदार अफसर जांच कमेटी पर लगातार गलत रिपोर्ट देने दबाव बना रहे हैं, लेकिन जांच कमेटी शामिल कोई भी अफसर अपनी कलम फंसाना नहीं चाहते। मनमाफिक रिपोर्ट नहीं मिलने पर डीईओ टीआर साहू ने तीसरी बार जांच कमेटी बदल दी है। इस बार जांच का जिम्मा नोडल अधिकारियों को दिया गया है। जांच कमेटी बदलने के खेल से शिकायतकर्ता भी नाराज चले हैं। इस बार उन्होंने डीईओ से लिखवा लिया है कि उन्हें 20 सितंबर तक चारों स्कूलों की सीबीएसई से एफिलेशन से संबंधित जांच रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।जबड़ापारा सरकंडा, उसलापुर, कोटा और सिरगिट्टी में सीबीएसई से बिना एफिलेशन के स्कूल चलाने का दावा पेश किया है। उन्होंने सीबीएसई से इन स्कूलों को एफिलेशन नहीं मिलने का प्रमाण भी पेश किया है। उनकी शिकायत पर पहली जांच कमेटी बनाई गई, जिसे एक माह बदल दिया गया। दूसरी बार सहायक संचालक पी दासरथी के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई। यह कमेटी करीब डेढ़ माह तक मामले की जांच की, लेकिन रिपोर्ट तैयार नहीं की।शिकायतकर्ता एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश संह का दावा है कि प्रबंधन से मिलीभगत कर डीईओ टीआर साहू फर्जी स्कूलों को सही साबित करने पर तूला हुआ है। इसके लिए तरह-तरह हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। इसका सबूत एक बार फिर से जांच कमेटी बदलना है। लगातार जांच कमेटी बदलने और रिपोर्ट पेश नहीं करने से यह तो साबित हो गया है कि स्कूल प्रबंधन को इन चारों स्कूलों को संचालित करने के लिए सीबीएसई से कोई एफिलेशन नहीं मिला है।
कोर्ट में परिवाद पेश लगाई जाएगी
शिकायतकर्ता एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह का कहना है कि बार-बार जांच कमेटी बदलने से यह समझ में आ रहा है कि डीईओ इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कराना चाहते। वे जांच कमेटी बनाने का खेल खेलकर समय खींचना चाहता है, ताकि हम परेशान होकर यह मामला छोड़ दें, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम जबड़ापारा सरकंडा, कोटा, उसलापुर और सिरगिट्टी में संचालित सेंट जेवियर्स स्कूलों की जांच कराकर रहेंगे। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 20 सितंबर को अगर जांच रिपोर्ट नहीं दी गई तो वे जिला शिक्षा विभाग और सेंट जेवियर्स स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर करेंगे। दोनों पक्षों से कोर्ट में जवाब मांगा जाएगा।