रायपुर दक्षिण के उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। भाजपा ने सुनील सोनी को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन उनकी उपस्थिति बृजमोहन अग्रवाल की छाया में गौण हो रही है। शिवरतन शर्मा के चुनाव संचालन के बावजूद बृजमोहन खेमे का दबदबा साफ नजर आ रहा है। हालांकि, पार्टी का एक वर्ग इस निर्णय से असंतुष्ट है, जिससे आंतरिक खींचतान की संभावना है।
कांग्रेस ने आकाश शर्मा को प्रत्याशी के रूप में उतारा है, जो युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं। युवा मतदाताओं की बड़ी संख्या के अलावा ब्राह्मण और मुस्लिम वोट बैंक भी कांग्रेस के पक्ष में काम कर सकता है। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति ने भी कांग्रेस को भाजपा पर सवाल उठाने का मौका दे दिया है।
इस उपचुनाव में स्थानीय मुद्दों पर भी खासा जोर है। भाजपा की महतारी वंदन योजना पहले प्रभावशाली रही, लेकिन इस बार का चुनाव स्थानीय नागरिक सुविधाओं, प्रत्याशियों की छवि और मूलभूत समस्याओं पर केंद्रित है। मेयर और सांसद के रूप में सुनील सोनी के कार्यकाल को देखते हुए मतदाता उनके पुराने कामकाज का मूल्यांकन करेंगे, जबकि आकाश शर्मा उनके लिए एक नया चेहरा हैं, जो युवाओं को लुभा सकते हैं।
रायपुर दक्षिण के मतदाता 23 नवंबर को अपना निर्णय देंगे, और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार की टक्कर एकतरफा नहीं बल्कि कांटे की साबित होगी।