सुरेश सिंह बैस/बिलासपुर। देशभर के वकीलों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब वे रेलगाड़ी में यात्रा के दौरान अपने फोटो पहचान पत्र को बार काऊंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी आई. कार्ड को दिखा सकते हैं। रेल मंत्रालय ने इसे आई.डी. प्रूफ के रूप में मान्यता दे दी है। रेलवे के सूचीबद्ध आई.डी. प्रूफ नहीं होने पर यात्री बगैर टिकट माना जाता है। इसमें उसे किराए के साथ जुर्माना भी भरना पड़ता है। इस बाबत रेल मंत्रालय ने सभी 17 जोनल रेलवे को निर्देश जारी कर दिया है, इसमें स्पष्ट कहा है कि केरल हाईकोर्ट के आदेश के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा वकीलों को जारी होने वाले फोटोयुक्त पहचान पत्र को मान्यता दे दी गई है। इसलिए ट्रेन में सफर के दौरान वकीलों के आई. कार्ड को आई.डी. प्रूफ माना जाए। उनको बगैर टिकट के आधार पर किराया अथवा जुर्माना नहीं लिया जाएगा। रेलवे के इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली सहित अन्य राज्यों के हाईकोर्ट, सैशन कोर्ट आदि के आठ लाख से अधिक वकीलों को फायदा होगा। अभी तक वकीलों के फोटो युक्त पहचान,आधार कार्ड, फोटो युक्त बैंक की पासबुक, राष्ट्रीय बैंकों के क्रेडिट कार्ड (फोटो युक्त), सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के फोटो पहचान पत्र, जिला प्रशासन,नगर निगम, नगर परिषद व पंचायत के फोटो पहचान
पत्र, बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से वकीलों को जारी होने वाला फोटोयुक्त पहचान पत्र मान्य है।विदित हो कि अभी तक वकीलों को जारी होने वाले पहचान
पत्र को ट्रेन में सफर के दौरान मान्यता प्राप्त नहीं थी। गौरतलब है कि रेलवे के टिकट काऊंटर पर भी बुकिंग के समय यात्री को अपना आई.डी. प्रूफ दिखाना पड़ता है। इसके बाद ही टिकट बुकिंग होती है। कमोबेश ई-टिकट की बुकिंग के दौरान सिस्टम आई.डी. प्रूफ का जिक्र करना होता है। इसमें ए.सी.-1, के २.३ लिए व स्लीपर आई.डी. श्रेणी प्रूफ के टिकट को रेलवे खरीदने ने अनिवार्य कर दिया है। इसका मकसद रेल टिकट की होने वाली कालाबाजारी को रोकना है। रेलवे के मुताबिक ए.सी. व स्लीपर क्लास में मान्य आई.डी. प्रूफ में मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, केंद्र व राज्य सरकार का फोटो पहचान पत्र, मान्यता प्राप्त स्कूल-कॉलेज का फोटो पहचान पत्र,शामिल हैं। जिसमें अब इंडियन बार काउंसिल द्वारा जारी वकीलों का पहचान पत्र भी शामिल हो गया है।