सुरेश सिंह वैस/बिलासपुर।मस्तूरी विकासखण्ड क्षेत्र के ग्राम कटहा में स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय की विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे ग्रामीणों ने खंड शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए शीघ्र समाधान की मांग की है। यदि जल्द समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया, तो ग्रामीणों ने विद्यालय को बंद करने का अल्टीमेटम दिया है। ज्ञापन में मुख्यतः शिक्षकों की अनियमितता, अव्यवस्था और विद्यालय की बदहाल स्थिति को लेकर शिकायतें दर्ज की गई हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि शासकीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक सत्येंद्र और पुष्पेंद्र कई महीनों से स्कूल में उपस्थित नहीं हो रहे हैं। हेडमास्टर से पूछने पर बताया गया कि वे अवकाश पर हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि इन शिक्षकों का तबादला किया जाए और उनके स्थान पर नए शिक्षकों की नियुक्ति की जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कटहा के शिक्षक मनोज पांडेय का स्थानांतरण कलेक्ट्रेट में किया गया है, जिससे विद्यालय में शिक्षकों की कमी हो रही है। ग्रामीणों ने शिक्षक को विद्यालय में पुनः वापस लाने की मांग की है। विद्यालय परिसर में शौचालय की स्थिति अत्यंत दयनीय है, जिसके कारण बच्चों को शौच के लिए तालाब और नदी किनारे जाना पड़ता है। इससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। ग्रामीणों ने विद्यालय में शौचालय और साफ-सफाई की व्यवस्था करने की अपील की है। कई वर्षों से विद्यालय में खेल सामग्रियों की उपलब्धता नहीं कराई गई है, जिससे बच्चों का खेल के प्रति रुचि नहीं बन पा रही है। इसके साथ ही स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी नहीं हो रहा है, जिसे पुनः शुरु करने की मांग की गई है।ग्रामीणों ने जनभागीदारी समिति के गठन में फर्जीवाड़ा होने का आरोप भी लगाया है। उनके अनुसार बिना उनकी सहमति के समिति का गठन कर दिया गया, जिससे स्कूल के संचालन में पारदर्शिता की कमी हो गई है। ग्रामीणों ने शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय कटहा में प्रधान पाठक की नियुक्ति करने का भी अनुरोध किया है। साथ ही स्कूल में नियमित रुप से शिक्षक-पालक मीटिंग्स का आयोजन कराने की मांग की है ताकि अभिभावकों को बच्चों की पढ़ाई की स्थिति की जानकारी मिल सके। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय के समय में बच्चे बैग रखकर नदी के पास जाकर खेलते और मछली पकड़ते हैं, जिसका कारण शिक्षकों की लापरवाही है। इसके अलावा स्कूल में चिकन और मछली जैसी चीजों का सेवन भी हो रहा है, जिससे विद्यालय का वातावरण प्रभावित हो रहा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो पूरे गांव के लोग मिलकर विद्यालय का संचालन रोक देंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारी और शिक्षा विभाग की होगी।
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