छत्तीसगढ़रायपुर

“फर्जी डिमांड ड्राफ्ट से 5 करोड़ की ठगी, दो साल से फरार दो जालसाज रायपुर में दबोचे गए!”

रायपुर|30 मई 2025 क्राइम रिपोर्ट |इसे पुलिस की कामयाबी कहें या ठगों की चूक, मगर रायपुर पुलिस ने करोड़ों की बैंक ठगी के सनसनीखेज मामले में दो साल से फरार चल रहे दो शातिर अपराधियों को आखिरकार गिरफ्तार कर ही लिया।

फर्जी दस्तावेज, नकली डिमांड ड्राफ्ट और सुनियोजित साज़िश, इस ठगी की पटकथा किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं थी – लेकिन अंत में जीत कानून की ही हुई।

पूरी ठगी की पटकथा:साल 2023, रायपुर के इंडसइंड बैंक में तैनात शाखा प्रबंधक मुन्ना सिंह के पास एक दिन एक ग्राहक आया – नाम था आकाश नाई, जो ‘श्री श्याम ट्रेडिंग’ नाम की फर्म का संचालक था।

आकाश ने एक भारी-भरकम ₹4.95 करोड़ का डिमांड ड्राफ्ट बैंक में जमा किया, जो दिखने में एकदम असली था और बंजारा हिल्स, हैदराबाद ब्रांच से जारी बताया गया।
बैंक ने जांच किए बिना ड्राफ्ट स्वीकार कर लिया और शाम तक उसे श्री श्याम ट्रेडिंग के खाते में क्रेडिट भी कर दिया।

अगले ही दिन हैदराबाद ब्रांच से फोन आया – वहां से असली डिमांड ड्राफ्ट कैंसिल कराने की कोशिश की जा रही थी। जब दोनों ब्रांचों ने डॉक्युमेंट्स का मिलान किया, तो सच सामने आया – रायपुर ब्रांच में जमा किया गया ड्राफ्ट नकली था।

ठगी हुई तो थी, मगर फुर्ती से बची बड़ी रकम:जैसे ही मामले की सच्चाई सामने आई, बैंक ने श्री श्याम ट्रेडिंग के खाते की जांच शुरू की।
पता चला कि ₹29.57 लाख की रकम पहले ही निकाली जा चुकी थी – कुछ एटीएम से, कुछ ट्रांसफर के ज़रिए।
लेकिन समय रहते ₹4.65 करोड़ की राशि फ्रीज कर ली गई, जिससे बड़ा नुकसान टल गया।

भागते रहे, लेकिन पुलिस ने पकड़ा:मामला दर्ज होते ही थाना मौदहापारा में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की धाराओं में अपराध क्रमांक 49/2023
मामले में आकाश नाई और कमल किशोर केशरवानी नामक दो आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471, 120बी IPC के तहत मामला दर्ज किया गया था।
तब से मुख्य आरोपी आकाश नाई और उसके साथी कमल किशोर केशरवानी फरार थे।
मौदहापारा पुलिस की टीम ने इन्हें पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी की और अंततः पुख्ता सूचना के आधार पर दोनों को रायपुर से गिरफ्तार कर लिया गया।

आरोपियों की पहचान:
1. आकाश नाई – उम्र 24 वर्ष, मूल निवासी चुरू, राजस्थान; हाल निवास चौबे कॉलोनी, रायपुर।
2. कमल किशोर केशरवानी – उम्र 65 वर्ष, निवासी फाफाडीह, रायपुर।

पूछताछ में दोनों ने कबूल किया कि उन्होंने यह फर्जीवाड़ा सुनियोजित तरीके से अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया था।

अभी भी कुछ आरोपी फरार: पुलिस के मुताबिक इस गोरखधंधे में कई और लोग भी शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है। टीम उन सभी तक पहुंचने के लिए सभी संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है।
“बैंकिंग सिस्टम की चूक को भुनाकर करोड़ों की ठगी करने वाले इन हाईटेक ठगों को सलाखों के पीछे पहुंचाना हमारी प्राथमिकता थी। आगे भी ऐसे तत्वों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी,” – थाना प्रभारी, मौदहापारा।

सबक:यह मामला बैंकिंग सेक्टर को एक बार फिर चेता गया है कि बिना सख्त सत्यापन के कोई भी हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन करना, सीधे-सीधे धोखाधड़ी को न्योता देना है।

और जनता के लिए सीख: अगर कोई बड़ा आर्थिक सौदा हो रहा है, तो दस्तावेजों की दोबारा और तीखी जांच जरूरी है – क्योंकि ठगी अब कलम से भी की जाती है, बंदूक से नहीं।

Related Articles

Back to top button