छत्तीसगढ़

छत्‍तीसगढ़ में स्वतंत्रता दिवस की धूम, CM बघेल ने रायपुर में किया ध्वजारोहण

देशभर में आज स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। वहीं छत्‍तीसगढ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होकर ध्वजारोहण किया। इसके बाद सीएम बघेल ने परेड की सलामी ली।

इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सुबह अपने निवास परिसर में ध्वजारोहण किया। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की सभी लोगों को बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन और अंकित आनंद सहित मुख्यमंत्री सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री निवास में स्वतंत्रता दिवस मनाने पहुंचे अधिकारियों-कर्मचारियों के नन्हें बच्चों से मुख्यमंत्री ने बड़ी ही आत्मीयता के साथ मुलाकात की। बच्चों के नाम पूछे और उन्हें स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देश की आजादी की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। स्वतंत्रता दिवस पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है, पुरखों के कठिन संघर्ष, त्याग और बलिदान से हमें आजादी मिली है। आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले उन सभी अनाम योद्धाओं, शहीदों और वीर जवानों को नमन है, जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया। उनकी बदौलत हम आजाद वातावरण में सांस ले पा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है, आजादी के वास्तविक मायने और मूल्यों को समझने के लिए हमें इतिहास का संजीदगी से पुनरावलोकन करना होगा। हमारे पूर्वजों के कठिन परिश्रम और दूरदृष्टि का परिणाम है कि अनेक चुनौतियों के बावजूद भारत आज पूरे विश्व में सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अपनी पहचान बना चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पुरखों ने आजादी के बाद जिस लोकतंत्रात्मक गणराज्य का सपना देखा था, उसे पूरा करना हम सब की जिम्मेदारी है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

राज्य सरकार की प्राथमिकता समाज के सबसे कमजोर वर्ग का सशक्तिकरण, बुनियादी मजबूती, गांवों का आर्थिक सुदृढ़ीकरण, हर व्यक्ति तक मूलभूत सुविधाओं की पहुंच और विकास के साथ अपनी पुरातन सभ्यता-संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन है।

इसके लिए गांधीवादी सोच के साथ सुराजी गांव योजना, ’राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘, गोधन न्याय योजना, गौ-मूत्र खरीदी, भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना जैसी कई लोक हितैषी योजनाएं शुरू की गई हैं। बुनियादी स्तर पर गांवों को मजबूत करने के लिए किसानों और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की पहल की गई है।

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