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मणिपुर में कुकी संगठन ने फिर घेरे 2 नेशनल हाइवे, बेमियादी नाकाबंदी शुरू; चीजों की होने लगी कमी

मणिपुर में एक प्रभावशाली आदिवासी संगठन ने प्रतिद्वंद्वी समुदाय पर आदिवासी बहुल क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित करने का आरोप लगाने के बाद सोमवार को दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्गों पर फिर से अनिश्चितकालीन नाकाबंदी कर दी है. आदिवासी एकता समिति (COTU) कांगपोकपी जिले में इंफाल-दीमापुर (एनएच-2) और इंफाल-जिरीबाम (एनएच-37) राष्ट्रीय राजमार्गों पर अनिश्चितकालीन नाकाबंदी का नेतृत्व कर रही है. समिति से जुड़े लोगपहाड़ी इलाकों में आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध और पर्याप्त आपूर्ति की मांग कर रहे हैं.

कुकी संगठन ने शुरी की नाकाबंदी

अधिकारियों ने बताया कि कांगपोकपी जिले में बड़ी संख्या में पुरुषों और महिलाओं ने नाकाबंदी लागू की है. उन्होंने माल से भरे वाहनों की आवाजाही रोक दी है. सीओटीयू के महासचिव लैमिनलुन सिंगसिट ने कहा, ‘हमने पहले एक अल्टीमेटम दिया था कि अगर खाद्यान्न, आवश्यक वस्तुओं और जीवन रक्षक दवाओं की निर्बाध और पर्याप्त आपूर्ति नहीं की गई तो हम 21 अगस्त से एनएच-2 और एनएच-37 दोनों को अवरुद्ध कर देंगे.’

दूसरे कुकी संगठन ने भी दी धमकी

एक अन्य आदिवासी संगठन, कुकी ज़ो डिफेंस फ़ोर्स ने भी घोषणा की कि अगर कुकी- ज़ो के बसे हुए क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति नहीं की गई तो वह राजमार्ग नाकाबंदी में शामिल हो जाएगा. मणिपुर की जीवनरेखा एनएच-2, 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद लगभग दो महीने तक अवरुद्ध रही थी. केंद्र सरकार के हस्तक्षेप से, पिछले महीने नाकाबंदी वापस ले ली गई थी.

पिछले 3 महीने से अशांत है मणिपुर

एनएच-2 और एनएच-37 नगालैंड और असम के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों के साथ सतही संचार बनाए रखने के लिए मणिपुर के दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग हैं. जातीय तनाव भड़कने के बाद से मणिपुर में पिछले 3 महीने से अशांति पसरी हुई है, जिसके शिकार वहां के राजमार्ग भी हो रहे हैं. इसके चलते वहां पर सामानों की आपूर्ति पर असर पड़ा है.

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