रायपुर। मिक्की मेहता मर्डर केस की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार नारायण शर्मा के खिलाफ रची गई झूठी साज़िश का पर्दाफाश हो गया है। माननीय न्यायालय ने दिनांक 25 सितंबर 2024 को उन्हें दोषमुक्त कर पूरी तरह स्वतंत्र कर दिया। न्याय के इस फैसले के बाद पत्रकार ने झूठी शिकायतकर्ता अरविंद अवस्थी को एक करोड़ रुपये की मानहानि का कड़ा नोटिस भेजा है।
जानकारी के अनुसार, दिनांक 9 जुलाई 2011 को थाना कोतवाली रायपुर में अपराध क्रमांक 300/11 के तहत IPC की गंभीर धाराओं में झूठा मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि यह सब तत्कालीन आईजी मुकेश गुप्ता, थाना प्रभारी नवनीत पाटिल, और अरविंद अवस्थी की मिलीभगत से हुआ, जिसका उद्देश्य पत्रकार को 10 साल तक जेल भेजना था।
इस झूठे मुकदमे के चलते नारायण शर्मा को 43 दिन सेंट्रल जेल रायपुर में न्यायिक हिरासत में रहना पड़ा। लेकिन न्यायालय में पुलिस की कहानी टिक नहीं पाई और सच की जीत हुई।
पत्रकार नारायण शर्मा के अधिवक्ता राममूरत शुक्ला ने अरविंद अवस्थी को भेजे नोटिस में 15 दिन के भीतर एक करोड़ रुपये मुआवजा देने और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। अन्यथा उनके विरुद्ध दांडिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
यह मामला न केवल पत्रकारिता पर हमले का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि सत्ता और साज़िश के सामने भी सच का दीपक नहीं बुझता।