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कार्यालय विकास खंड शिक्षा अधिकारी कसडोल से दस्तावेज बदल रहे हैं, जिम्मेदार मौन – कार्यवाही करेगा कौन?

छत्तीसगढ़, बलौदा बाजार-भाटापारा जिला, तहसील कसडोल। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसडोल में वर्ष 2017 में रहस्यमई आग लगने के कारण शिक्षा शाखा के शिक्षा कर्मियों की नियुक्ति से संबंधित सभी दस्तावेज आग में जल गए थे। इस कारण कई फर्जी शिक्षकों की जांच पूरी नहीं हो सकी। यह तो पुरानी बात हुई, लेकिन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत का कहना है कि सविलियन होने पर सेवा पुस्तिका के साथ सभी संलग्न दस्तावेज विकासखंड शिक्षा अधिकारी कसडोल को सौंप दिए गए थे।

आरटीआई एक्टिविस्ट दिले राम सेन द्वारा सूचना के अधिकार के तहत निकाले गए कई दस्तावेजों में नियुक्ति आदेश एवं कार्यभार ग्रहण प्रतिवेदन देखने से पता चला है कि नियुक्ति के समय दिए गए दस्तावेज कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा बदले जा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, 2011 में एक शिक्षक की D.Ed बेस से नियुक्ति दिखाई गई है, जबकि सेवा पुस्तिका में 2011 के दस्तावेज की जगह 2022 का D.Ed प्रमाण पत्र दिख रहा है। इसी तरह, 2007 में D.Ed प्रशिक्षित के आधार पर नियुक्त एक शिक्षक के रिकॉर्ड में 2014 का D.Ed प्रमाण पत्र दिया गया है। एक अन्य मामले में, जिला पंचायत रायपुर से 68% अंकों के आधार पर नियुक्ति हुई थी, लेकिन अब कम प्रतिशत वाली अंक सूची दी जा रही है।

2011 में विकलांग प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त एक मैडम का मामला भी सामने आया है, जब वर्मा बीईओ थे, तो सर्विस बुक से निकाल कर सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज प्रदान किए गए थे। ऐसे कई उदाहरण निकाले गए दस्तावेजों में स्पष्ट दिख रहे हैं, जिससे फर्जी शिक्षकों के हौसले बुलंद हैं।

“सूत्रों की मानें तो विकासखंड कार्यालय द्वारा बड़ी रकम लेकर दस्तावेज बदले जा रहे हैं।”

जिम्मेदार मौन – कार्यवाही करेगा कौन?

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