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केशरवानी भवन भटगांव में आयोजित पाँच दिवसीय दिव्य सत्संग के चौथे दिन पंडित पवन कुमार महाराज का मार्मिक प्रवचन: “जिसका कोई नहीं होता, उसका ईश्वर होता है”

श्लोकबद्ध कथा सुनने उमड़े श्रद्धालु, श्लोक, चौपाई एवं वेदमंत्रों की गूंज से गुंजायमान हुआ कथा स्थल


भटगांव-27मई2024/भटगांव के कथा स्थल केसरवानी भवन भटगांव में सोमवार को पांच दिवसीय दिव्य सत्संग एवं प्रवचन कथा के चौथे दिन सोमवार को कथा व्यास पंडित पवन महराज ने कहा कि सत्संग एवं प्रवचन संपूर्ण मानव समाज के लिए कल्याणकारी होती है। ज्येष्ट मास में सत्संग एवं प्रवचन सुनने का अवसर जिसको मिल रहा है।वह बहुत ही भाग्यशाली है।भगवान महादेव बहुत ही भोले देव हैं।वह बहुत जल्द कृपा करने वाले हैं।एक लोटा जल भर अर्पित करने भर से वह प्रश्नन हो जाते हैं। कथा व्यास पंडित पवन कुमार महराज जी ने कथा में चर्चा करते हुए कहा कि हम सबको बुरे से बचें, बुराई को दूर करें।कबीर तो एक जगह लिख भी गये हैं-”साधू ऐसा चाहिए जैसे सुप सुभाय।सार सार को गहि ले,थोथा दे उड़ाय।” बस जीवन का सूत्र यही है कि अच्छा बचना चाहिए,बुरा छट जाना चाहिए।अब यह हमारे ऊपर है।कि देश-काल -परिस्थिति के अनुसार सुपड़े की तरह व्यवहार करें या छलनी की तरह।जैसा भी करें,लेकिन परिणाम में शुभ,श्रेष्ठ और अच्छा हाथ में रहना चाहिए।बुरे से बचें,बुराई को दूर करें। कथा व्यास पंडित जी ने आगे कथा में श्री राम चन्द्र जी की कथा सुनाते हुए कहा कि
हे!सीता राम जी के भक्तो,” जिस दिन भी भक्त को उसकी भक्ति का मनचाहा फल प्राप्त होता है तो वो दिन उस भक्त के लिए जीवन के सबसे अच्छे दिनों में से एक होता है किन्तु यदि शबरी जैसी प्रतीक्षा करनी पड़े तो भी भक्त बड़े ही उत्साह के साथ भगवान की भक्ति करते रहते हैं और कभी न कभी सफलता प्राप्त किया ही करते हैं | भक्तो ! भगवान श्री राम जी की पूजा पाठ जो भी आपने की है या फिर आगे करोगे कभी भी निष्फल जा ही नहीं सकती है | कलियुग में केवल राम नाम ही मुक्ति का आधार है अन्य सभी मार्ग शोकप्रद हैं | श्री सीता राम जी को अपने आप से बहुत ही बड़ा मानना क्योंकि भगवान के बारे में कोई भी पूर्ण रूप से नहीं जानता है | बस यही स्वीकार कर लीजिये कि भगवान के समान सिर्फ भगवान ही हैं और कोई भी तो नहीं है और कलियुग में राम नाम पालनहार और मुक्ति प्रदान करनेवाला अचूक यन्त्र है जो कभी भी खाली नहीं जाता है | राम जी सबसे महान हैं।

राम चरित मानस सरिता है जिसे सुनने का अवसर हरि कृपा से मिलता है

कथा वाचक पंडित पवन महराज जी ने आगे कथा की महत्ता बताते हुए कहा कि तुलसीदास ने कहा है।मेरी रामचरित मानस सरिता है कही भी चले जाओ कैसे भी चले जाओ इसकी कोई मर्यादा नही है।इसे हर कोई सुन सकता है।जो इस पावन कथा को सुनता है।उसके पाप तो धुलते ही हैं।साथ ही यह भगवत कृपा से ही हमे सुनने को मिलता है कथा सुनने की इच्छा हर कोई करता है लेकिन कथा सुनने का अवसर सिर्फ श्री हरि विष्णु के कृपा से मिलती है।
जब सभी साथ छोड़े तो निराश न हों,भगवान पर भरोसा रखें-पंडित पवन महराज ने देवी अहिल्या के बारे में बताया कि अहिल्या के एक छोटी सी भूल के कारण उनके पति गौतम ऋषि ने श्राप दे दिया बच्चे साथ छोड़कर चले गए लेकिन वर्षों बाद पत्थर की तरह अहिल्या भगवान राम के आने का इंतजार करती रही वर्तमान में भी जब बुरा समय आता है तो सभी साथ छोड़ देते हैं।और जब पैसा धन होता है तो सभी साथ होते हैं हमें कभी भी निराश नही होना चाहिए बस भगवान पर भरोसा रखना चाहिए। कथा श्रवण की चौथे दिन की कड़ी में इनकी रही उपस्थिति नगर पंचायत भटगांव के उपाध्यक्ष प्रवेश दुबे,पार्षद श्रीमती नवीन लीलाधर वैष्णव,पूर्व पार्षद श्रीमती फूल दुबे,शिक्षक प्रश्नन चंद्रा, विवेक देवांगन, अरुण देवांगन, से.नि.प्राचार्य एल. एन. दुबे, बाबूलाल रघु,द्वास राम साहू,प्रेम लाल साहू,पंच राम साहू,मनहरन देवांगन, दुष्यन्त पटेल,प्र.पा.विमल पटेल,भरत साहू,सोनालीका टैक्टर के संचालक राम मनोहर गुप्ता,कैलाश शर्मा,जीवन केशरवानी, माता दीन देवांगन,समाज सेवक संजय साहू,बुधराम देवांगन,लोटस स्कूल के प्राचार्य डी.एन.जायसवाल,पतंजलि आरोग्य केंद्र के संचालक विजय साहू, पवन दुबे,एवं कथा के यजमान अनुराग दुबे सपत्निक भगवान रामदरबार जी के आरती किये वहीं कथा में सैकड़ों सनातनी हिन्दू भाई बहन धर्मप्रेमी धर्मानुरागी श्रद्धालु जन उपस्थित थे।

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