छत्तीसगढ़बलौदाबाजार

जिला मुख्यालय में दिलीप माहेश्वरी की धोखाधड़ी के खिलाफ जांच की मांग: आचार्य ऋषि सिद्धनाथ

गांधी चौक, जिला मुख्यालय:जिला मुख्यालय के गांधी चौक स्थित हृदय स्थल में दिलीप माहेश्वरी, जो ईमानदार प्रेमचंद महेश्वरी के पुत्र हैं, पर शासन से धोखाधड़ी करने और चौथे स्तंभ का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। आचार्य ऋषि सिद्धनाथ ने इस मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की है।

नगर पालिका परिषद की शिकायत: नगर पालिका परिषद के अनुसार, व्यापारिक कंपलेक्स जो पहले किराए पर संचालित होता था, पूर्व जानकारी में केडिया, गुप्ता, और राठी परिवार की दुकानों में दुकान दिलीप माहेश्वरी द्वारा बगैर अनुमति तीन तल्ला और दो तल्ला दुकानों का निर्माण कर लिया गया है। इस पर नगर पालिका परिषद द्वारा किसी भी प्रकार की निर्माण अनुमति नहीं दी गई है। चौथे स्तंभ का दुरुपयोग करते हुए इन निर्माण कार्यों को अपने बल से किया गया है। इस पर अनुबंध समाप्त करते हुए आज दिनांक तक का राजस्व वसूला जाए।

ड्रग इंस्पेक्टर की शिकायत: ड्रग इंस्पेक्टर जिला मुख्यालय बलौदा बाजार छत्तीसगढ़ असिस्टेंट अधिकारी श्री कौशिक को लिखित कार्यवाही की गई है। अवैध स्थान पर संचालित दुर्गा मेडिकल स्टोर्स द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार के नियमों के तहत संचालन नहीं किया जा रहा है और झोलाछाप डॉक्टर को संरक्षण देकर मेडिकल दुकान का दुरुपयोग किया जा रहा है। इसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए मेडिकल का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की गई है।

बीएमओ की शिकायत: बीएमओ जिला मुख्यालय बलौदा बाजार को भी लिखित शिकायत की गई है कि दुर्गा मेडिकल स्टोर द्वारा संचालित पांडे कंपलेक्स में झोलाछाप क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है, जिसे बलौदा बाजार के समस्त रिक्शा चालक जानते हैं। इस पर दिलीप माहेश्वरी के मेडिकल और झोलाछाप क्लीनिक के संचालन पर अंकुश लगाने की मांग की गई है।

संपादक और अवैध निर्माण: दिलीप माहेश्वरी पर आरोप है कि उन्होंने पायनियर न्यूज़ एवं अन्य संस्थाओं के माध्यम से चौथे स्तंभ का दुरुपयोग करते हुए नशीली दवाइयों का कारोबार किया। बिना अनुमति के अवैध बिल्डिंग में पायनियर कार्यालय खोला गया है, जिसमें डॉक्टरों द्वारा इलाज भी किया जाता था। डॉ सुनील ऑर्थो स्पेशलिस्ट रायपुर द्वारा

आचार्य ऋषि सिद्धनाथ की मांग: आचार्य ऋषि सिद्धनाथ ने जिला प्रशासन से मांग की है कि उक्त मामलों में कठोर कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। इससे अधिकारियों में नियमों के प्रति मजबूती के साथ काम करने की इच्छा शक्ति जागृत हो।

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