सुरेश सिंह बैस/बिलासपुर। तहसील कार्यालय में डाइवर्सन के नाम पर अवैध वसूली किया जा रहा है, भ्रष्टचार और बिन पैसे लिए काम नहीं किए जाने के मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कलेक्टर को शपथ पत्र के साथ जवाब देने को कहा और पूछा है की डीएम बताए डायवर्सन के कुल कितने मामले है और कितने पेंडिंग है साथ ही हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा के डिविजन बेंच ने एसडीएम को भी शपथ पत्र के साथ पेश होने का आदेश जारी किया है।
बता दें की तहसील कार्यालय में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। तहसील में बिना पैसों के कोई काम नहीं होता, जमीन के कागजी कार्रवाई के लिए खुलेआम पैसे की मांग की जाती है। इसको लेकर रोहनी दूबे ने अपने अधिवक्ता राजीव दुबे के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा की तहसील कार्यालय में बिना पैसों के कुछ काम नहीं होता। तहसील कार्यालय में एसडीएम के नाक के नीचे जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच में मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर को खुद के शपथ पत्र के साथ 27 फरवरी की सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया है। जिसमे कहा गया है की डायवर्सन से संबंधित केसों का स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने कहा गया है।