छत्तीसगढ़कोरबापाली

तीन दिवसीय बालवाड़ी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन:-पाली


सुरेंद्र सिंह ठाकुर/बालवाड़ी से बच्चे परिपक्व को होकर स्कूल पहुंचते हैं,जिससे शिक्षकों को कक्षा पहली में मेहनत बहुत कम करनी पड़ती है। इससे हमारे स्कूल के बच्चों का विकास आसानी से होता है,

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बालवाड़ी योजना 5 से 6 वर्ष तक की तक के आयु वाले बच्चों के लिए शुरू की गई है,बालवाड़ी योजना के माध्यम से बच्चों को सीखने के लिए के लिए उत्साहित किया जाता है,और उन्हें स्कूल के माहौल के लिए तैयार किया जाता है,जिला शिक्षा अधिकारी महोदय एवं जिला समन्वयक महोदय समग्र शिक्षा के निर्देशन में श्रीमान खंड शिक्षा अधिकारी पाली के सानिध्य तथा सहायक खंड शिक्षा अधिकारी एवं बीआरसीसी महोदय पाली के सहयोग से 15 मई 2024 से 17 मई 2024 तक तीन दिवसीय कार्यशाला प्रशिक्षण का आयोजन विकास खंड स्तर पर हायर सेकेंडरी पाली सभा कक्ष में किया जा रहा है प्रथम दिवस की शुरुआत मां महाश्वेता की पूजा धूप द्वीप प्रज्वलित कर वंदना के साथ किए गए।उद्बोधन में बीआरसीसी श्री रामगोपाल जायसवाल ने कहा कि प्रशिक्षण वन वे न हो दोनों तरफ से प्रश्न उत्तर या जिज्ञासा सामने आए तभी सार्थक होगा प्रशिक्षण।श्री मनोज सराफ प्राचार्य ने कई महत्वपूर्ण बिंदु पर प्रकाश डाले।खण्ड शिक्षा अधिकारी श्री मान श्यामानंद साहू ने प्रशिक्षणार्थियों को मोटिवेट करते हुए कहा की इतनी धूप में भी प्रशिक्षण में आप लोगों का पदार्पण काम के प्रति लगन को दिखाता है, और यही लगन हमारे बच्चों का भविष्य गढ़ेंगे।तत्पश्चात मास्टर ट्रेनरों ने प्रशिक्षण में जान डालने का कार्य पूर्ण किया,और प्रशिक्षण को टू-वे बनाकर कई उदाहरण से बच्चों के बीच पहुंचने की तैयारी इस वर्ष हो रही है इस कार्यशाला में आंगनबाड़ी से कर्मचारियों की शिरकत इस बात का सबूत है कि 5 से 6 वर्ष के बच्चों का भविष्य हम मिलकर गढ़ेंगे। उन्हें काबिल बनाया जाएगा जिससे सरकारी स्कूल की शान बढ़ेगी।इससे पहले प्रशिक्षण के मध्य में अभ्यागत अतिथि के रूप में कोरबा डाइट प्राचार्य श्री सराफ एवं श्रीमती रिंकु लोध का आगमन हुआ,उन्होंने प्रशिक्षण के धरातल पर बात की व प्रशिक्षण का उद्देश्य,व्यवस्था पर टिप्स दिए। कार्यशाला को सफल बनाने में श्रीमती निर्मला शर्मा,श्री हरिश्चन्द्र,श्रीमती अर्चना किंडो,श्रीमती पदमा ठाकुर,श्री गिरीश गौतम,श्री तुलसी जगत,श्री वीरेंद्र उइके,श्री दुष्यंत उइके,श्री अनिल जगत,सुनील जायसवाल,तथा चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों की सार्थक भूमिका रही।

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